राप्ती नदी का पानी स्थिर होने के कारण बाढ़ की समस्या से कुछ निजात मिली है लेकिन नदी से निकला पानी अभी भी लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। हसनगढ़, भरवलिया, मटियरिया कर्मा, पालापुर, मोहनजोत, तिलहर, बाघाजोत, कटरा, मलमलिया, समेत तीन दर्जन गांवों में सोमवार से ही बाढ़ आ पानी रुका हुआ है। जमा पानी की दुर्गंध से लोग परेशान हैं। ग्रामीण सहाबुल, कलीमुल्ला,मुकीम अहमद, कृष्ण कुमार, पृथीपाल, सोमनाथ, अब्दुल रहमान, मोहनलाल ने बताया कि नदी में पानी घटने के बाद भी गांव व खेत खलिहानों का पानी नदी में वापस होना शुरू नहीं हुआ है। गांवों की सड़कों व गड्ढों में भरे पानी से संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सीपी सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांव मटियरिया, पाला में स्वास्थ्य टीम नावों से पहुंच रही है।
शुक्रवार को ग्रामीणों को पैरासिटामोल, एलबेंडाजोल, सिट्रीजिन, क्लोरीन की गोलियां व ओआरएस पावडर वितरित किया जा रहा है।
असगर अली
उतरौला
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