आदर्श नगर पालिका में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थायी व्यवस्था न होने के कारण हर दिन सैकड़ों क्विंटल कूड़ा राजमार्गों के बगल गिराया जा रहा है। निस्तारण की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण गलियों में कई-कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहता है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत खरीदे गए कूड़ेदानों का पता नहीं है। गलियों में सड़क के किनारे पड़े कूड़ों से उठने वाली दुर्गंध से आस-पास रहने वालों व राहगीरों को समस्या होती है। कूड़ों में भोजन की तलाश करते हुए छुट्टा पशु उसे दूर तक बिखरा देते हैं। बरसात में स्थिति और नारकीय हो जाती है। सड़ांंध के कारण अमोनिया जैसी विषाक्त गैसें भी वातावरण में फैली रहती हैं। पचपेड़वा मार्गों के पटरियों पर नगर पालिका की गाड़ी कूड़ा गिराकर चली जाती है। विगत दिनों मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर नगर पालिका द्वारा सड़क किनारे डंप किए गए कचरों को रातों रात हटवाया गया और लाखों रुपए खर्च कर कचरा छिपाने के लिए बालू मोरंग से ढका गया। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद अब पुनः कचरों के डंप करने का सिलसिला जारी है।
जमीन खरीदने की प्रक्रिया तीन साल से लंबित है
कूड़ा जमा करने व उनका समुचित निस्तारण करने के लिए नगर पालिका को तीन साल पहले कम से कम एक एकड़ की जमीन खरीदनी थी। नगर क्षेत्र के पांच किलोमीटर की परिधि में यह जमीन ली जानी थी। राज्य वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से सर्किल रेट के अनुसार जमीन लेकर इसको चारों तरफ बाउंड्री वाल से घेर कर यहां कूड़ा डंप करना था। आज तक जमीन तलाशने की प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो पाई है। जमीन न होने के कारण ही यहां-वहां कूड़े गिराए जा रहे हैं।
जिम्मेदार के बोल
ईओ अवधेश वर्मा का कहना है कि जमीन खरीदने के लिए प्रस्ताव को बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। प्रशासक को फाइल बनाकर भेजा जा रहा है। शीघ्र ही मामले का समाधान निकलने की उम्मीद है।
असगर अली
उतरौला
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