काशी राज परिवार की बड़ी बेटी कुमारी विष्णुप्रिया ने अपने भाई अनंत नारायण सिंह पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। विष्णु प्रिया ने रविवार को नदेसर स्थित सभागार में पत्रकार वार्ता में बताया कि उनके साथ रामनगर किले में भाई अनंत नारायण सिंह ने घरेलू हिंसा की है। उन्होंने कहा कि वह अविवाहित हैं, तो ऐसे हालात में वह कहां जाकर रहेंगी।
विष्णु प्रिया ने आरोप लगाया कि रामनगर के कोदोपुर की जमीन को भाई ने बेच दिया। जबकि खसरा खतौनी पर उनके नाम से यह जमीन है। इस 44 बिस्वा जमीन का वर्तमान मूल्य 15 करोड़ से अधिक है। उन्होंने खसरा की कापी दिखाते हुए कहा कि प्रशासन ने भी महाराजा विभूति नारायण के वसीयत और उनके पेपर को अनदेखा कर दिया।उन्हें किला छोड़कर जाने की धमकी दी जाती है। पत्रकार वार्ता में ही उन्होंने एक वीडियो क्लिप दिखाकर आरोप लगाया कि घर के छत, खिड़कियां, पंखे और बर्तन तोड़े गए थे और सभी बहनों और बेटों के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि काशी नरेश विभूति नारायण द्वारा स्थापित फर्म, कंपनियां और लोक कल्याणकारी ट्रस्ट को अनंत नारायण अपनी संपत्ति बताते हुए राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से राजस्व अभिलेखों और साक्ष्यों में अपना नाम अंकित करा रहे हैं।मुख्तार ए आम अनिल सिंह भी इसमें शामिल हैं। काशीराज की संपत्तियों में चार हिस्सेदारी है। इसलिए कोई व्यापारी या संस्थान कुंवर अनंत नारायण सिंह और अनिल सिंह से किसी प्रकार का लेनदेन करते हैं तो वे सभी अमान्य और अवैध होंगे। वहीं इस लेनदेन से होने वाले नुकसान की जिम्मेदार बहनें नहीं होंगी।
विष्णु प्रिया ने आरोप लगाया कि रामनगर के कोदोपुर की जमीन को भाई ने बेच दिया। जबकि खसरा खतौनी पर उनके नाम से यह जमीन है। इस 44 बिस्वा जमीन का वर्तमान मूल्य 15 करोड़ से अधिक है। उन्होंने खसरा की कापी दिखाते हुए कहा कि प्रशासन ने भी महाराजा विभूति नारायण के वसीयत और उनके पेपर को अनदेखा कर दिया।उन्हें किला छोड़कर जाने की धमकी दी जाती है। पत्रकार वार्ता में ही उन्होंने एक वीडियो क्लिप दिखाकर आरोप लगाया कि घर के छत, खिड़कियां, पंखे और बर्तन तोड़े गए थे और सभी बहनों और बेटों के साथ मारपीट की गई। उन्होंने कहा कि काशी नरेश विभूति नारायण द्वारा स्थापित फर्म, कंपनियां और लोक कल्याणकारी ट्रस्ट को अनंत नारायण अपनी संपत्ति बताते हुए राजस्व कर्मियों की मिलीभगत से राजस्व अभिलेखों और साक्ष्यों में अपना नाम अंकित करा रहे हैं।मुख्तार ए आम अनिल सिंह भी इसमें शामिल हैं। काशीराज की संपत्तियों में चार हिस्सेदारी है। इसलिए कोई व्यापारी या संस्थान कुंवर अनंत नारायण सिंह और अनिल सिंह से किसी प्रकार का लेनदेन करते हैं तो वे सभी अमान्य और अवैध होंगे। वहीं इस लेनदेन से होने वाले नुकसान की जिम्मेदार बहनें नहीं होंगी।
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