बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड उतरौला मे शरदकालीन गन्ना बुवाई का शुभारंभ जिला गन्ना अधिकारी रंजीत सिंह कुशवाहा ने ग्राम गणेशपुर कोड़री व ऐलरा में विधि विधान के साथ फीता काटकर किया।
साथ ही नालियों में गन्ने के टुकड़े डालकर किसानों को बुवाई के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस समय की बुवाई किसान के लिए वरदान है। बुवाई के लिए तापक्रम भी अनुकूल है इस समय खाली खेतों में किसान अधिक से अधिक गन्ना लगाएं। शरदकाल में की गई बुवाई में 25 प्रतिशत पैदावार अधिक मिलती है तथा रोग एवं कीडों का प्रकोप बहुत कम होता है। सहफसल के रूप में आलू, सरसों, मसूर, मटर, चना एवं सब्जियां भी गन्ने के साथ ले सकते हैं। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से कर दो गुना लाभ प्राप्त करने का सुझाव दिया।
चीनी मिल के इकाई प्रमुख ए.के.गुप्ता ने कृषकों से अपील किया की ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रफल में शरद कालीन गन्ना बुवाई ट्रेंच विधि से बोयें। पिछले वर्ष इस समय जहां भी गन्ना बोया गया था वहां फसल बहुत अच्छी है। महाप्रबंधक गन्ना पी.एस.चतुर्वेदी ने कहा कि किसान खेत की तैयारी अच्छी प्रकार से करें।खेत की तैयारी के समय ट्राइकोडरमा से भूमि शोधन अवश्य करें। शुद्ध एवं निरोगी बीज का चयन करें। अच्छे जमाव के लिए बीज का उपचार बहुत जरूरी है। अच्छी पैदावार देने वाली गन्ना प्रजातियों की बुवाई जैसे 0118,98014,15023,13235,14201,94184 करें। इसके अलावा ट्रेंच विधि को प्राथमिकता दें। रासायनिक उर्वरकों में बुवाई के समय पोटाश,सल्फोजिंक,एनपीके का प्रयोग करें। नर्सरी में केवल एक आंख का टुकड़ा ही बुवाई करें और सामान्यतया बुवाई में दो आंख का टुकड़ा बुवाई करें। इसके बाद गन्ने के टुकड़ों पर केवल दो इंच मिट्टी ही कुदाल से डालें।
बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड उतरौला में गन्ने का एरिया और उत्पादन बहुत ही कम है।इसे बढ़ाने की जरूरत है। जिससे किसानों का आर्थिक विकास तेजी से हो सके।
इस मौके पर गन्ना समिति उतरौला के सचिव के.पी.मिश्रा, चीनी मिल अधिकारी आई जी चौधरी, जयराम कुशवाहा, बृजेश प्रताप सिंह, राजकुमार प्रजापति, एस के पाण्डेय, रामायन पाण्डेय, उमेश गुप्ता समेत अनेक किसान मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला
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