उतरौला (बलरामपुर) क्षेत्र के नगर सहित ग्रामीण इलाकों में गणेश चतुर्थी के अवसर पर बुध्दि व रिध्दि सिध्दि के दाता प्रथम पूज्य भगवान गणेश की स्थापित प्रतिमा पर विधि विधान से पूजन अर्चन और आरती की गई।
 रविवार दोपहर बाद विसर्जन के लिए ले जाने के लिए जैसे ही ट्रैक्टर ट्राली पर विराजमान किया कि सभी श्रद्धालुओं के आंखों से आंसू छलक आए।कोरोना महामारी के चलते कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए दो दो व्यक्तियों ने प्रतिमा को ले जा कर विसर्जन किया।
        भगवान गणेश की विसर्जन यात्रा कस्बे के मुख्य मार्गों से होकर कस्बे के उत्तर बह रही पतित पावनी राप्ती नदी के तट पिपरा घाट पर पहुंचीं। विसर्जन यात्रा में श्रद्धालु भक्त अबीर गुलाल उड़ाते हुए गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान करते हुए बैंड-बाजों के धुन पर थिरकते हुए चल रहे थे। जिसमें  श्रध्दालु भक्त महिलाएं व बच्चे शामिल रहे। राप्ती तट पर पहुंच कर विसर्जन से पूर्व भव्य आरती हुई। भक्तों ने अपने आराध्य देव की मिट्टी की बनी प्रतिमा को नदी में विसर्जित करने के लिए ट्रैक्टर ट्राली से उठाया वैसे ही सभी के आंखों से आंसू छलक आए।
 ग्रामीण क्षेत्रों के इमलिया बनघुसरा में रखे गए गणपति की प्रतिमा का विसर्जन मधपुर सुवांव पुल के पास किया गया। सुरक्षा की दृष्टि से कस्बे के मुख्य मार्गों पर जगह जगह सुरक्षा कर्मी मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला

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