(जौनपुर) : ग्रामीणों की सुविधा के लिए गांवों में बने सामुदायिक शौचालय हाथी दांत साबित हो रहे हैं। रामनगर ब्लाक में कुल 95 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं, जिसमें अभी भी चार अधूरे हैं। अधिकांश शौचालयों में ताले बंद होने की वजह से आस-पास के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गांवों में दो व चार शीटर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। गुतवन, शिवपुर, उत्तरपट्टी व छत्तिसाकला में अब भी निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। जोगापुर, गोता, बुजुर्गा, दमोदरा में जहां निर्माण पूरा है वहां कहीं पानी की समस्या है तो कहीं कनेक्शन नहीं जुड़ सका है, जिससे शौचालय उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं। सामुदायिक शौचालयों का इस्तेमाल न हो पाने की बड़ी वजहों में कहीं न कहीं अधिकारियों की उदासीनता है।
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सामुदायिक शौचालय को बाहर से सजाया गया है, लेकिन अंदर न तो फर्श बना है न ही टाइल्स लगी है। पानी का भी कोई इंतजाम नहीं है। यह सरकारी धन का दुरुपयोग नहीं है तो क्या है।
- रिकी यादव, बुजुर्गा।
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सेऊर गांव में बना सामुदायिक शौचालय जर्जर हो चुका है। इसे दोबारा बनवाने के लिए डीपीआरओ के यहां प्रार्थना पत्र दिया है, जिससे ग्रामीणों की समस्या दूर हो सके।
-अभिषेक प्रताप सिंह, सेऊर।
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सामुदायिक शौचालय का ताला न खुलने से शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है। यह महज शोपीस बनकर रह गया है। जिम्मेदारों को इसके लिए विचार करना चाहिए।
-मिटू, भरहूपुर।
---------------- शौचालयों में ताला बंद होने की जानकारी नहीं है। 66 सामुदायिक शौचालयों को संचालन के लिए समूहों को सौंपा गया है। ताला खोलवाकर शौचालयों का संचालन शुरू कराया जाएगा। इसके साथ ही जिम्मेदारों से पूछताछ भी की जाएगी।
-नितिन कुमार, बीडीओ, रामनगर।
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