जौनपुर : कई दिनों झमाझम बारिश के चलते गोमती समेत जिले की अन्य नदियां बढ़ाव पर हैं। गोमती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 18 घंटे में नदी के जलस्तर में चार फीट का इजाफा हुआ है। हालांकि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अभी साढ़े पांच फीट नीचे है। गोमती नदी में इसी रफ्तार से पानी का स्तर बढ़ता रहा तो अगले एक-दो दिनों में पानी खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा। नदी में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर को देख किनारे के लोग बाढ़ की आशंका से परेशान हैं।

गोमती नदी का जलस्तर शनिवार की शाम छह बजे साढ़े 15 फीट पर था। रविवार को दोपहर एक बजे तक साढ़े 19 फीट तक पहुंच गया। अवकाश के दिन उफनाई नदी को देखने के लिए पूरे दिन शाही पुल, सद्भावना पुल पर लोगों की भीड़ लगी रही। शाही पुल के नीचे स्थित गोमतेश्वर मंदिर, हनुमान घाट चबूतरा भी डूब गया।

गोपी घाट की सभी सीढि़यां पानी में डूब गई। गोमती में बाढ़ आने पर सबसे पहले जिले के बदलापुर तहसील के निचले इलाके गांवों और चंदवक इलाके के कुछ गांव प्रभावित होते हैं। नदी में पानी बढने की रफ्तार यहीं रही तो निचले इलाके के कई गांवों में पानी भर जाएगा। गोमती के अलावा सई, बसुई, वरुणा, पीली नदी में भी पानी तेजी से बढ़ रहा है। गोमती नदी का बढ़ा जलस्तर, फसलें हुई जलमग्न

जागरण संवाददाता, खुटहन (जौनपुर) : आदिगंगा गोमती ने रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया है। इससे तटवर्ती आधा दर्जन गांवों की लगभग पचास बीघा फसल पानी से डूब गई है। शाहपुर सानी गांव से निकले नाले में पानी आना शुरू होते ही किसानों के चेहरे पर चिता की लकीरें खिचने लगी हैं। गांव में गोमती नदी से निकले मोहारे बीर बाबा नाला नदी का जलस्तर बढ़ते ही अहियापुर, गढ़ा, गोपालापुर, गुलरा, सियराबासी आदि गांवों की फसल चपेट में आ गई है। किसानों का कहना है कि यदि एक-दो दिन में पानी घट जाता है तो ठीक अन्यथा फसलें गलकर नष्ट हो जाएंगी। किसान समरनाथ यादव, रमाशंकर यादव, शंकर सिंह, सत्य नारायण तिवारी, मुरारी मिश्र, राधेश्याम यादव आदि का कहना है कि जलस्तर बढ़ा को क्षेत्र में तबाही मच जाएगी।

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