उतरौला (बलरामपुर)
इस्लामिक माह जिलहिज्ज आखिरी पड़ाव पर है। चांद रात यानी जिलहिज्ज की आखिरी रात सोमवार को संभावित है। मोहर्रम के मद्देनजर इमामिया ट्रस्ट अध्यक्ष ऐमन रिजवी, जनरल सेक्रेटरी अली मुर्तुजा, जावेद रिजवी, डॉक्टर आरिफ सहित शिया समुदाय के लोग इमामबाड़ों के साफ-सफाई रंग रोगन के कार्य में पिछले 15 दिनों से मशरूफ हैं।
इमामिया ट्रस्ट अध्यक्ष ऐमन रिजवी ने बताया कि सभी इमामबाड़ों के साफ-सफाई रंग रोगन का काम पूरा हो चुका है। आजादारों के बैठने के लिए दरी, चटाई, जाजिम, शुद्ध पेयजल, हवा, प्रकाश का पर्याप्त मात्रा में इंतजाम किया गया है। नगर के छोटे-बड़े सहित कुल 26 इमामबाड़े में मजलिसें पढ़ी जाएंगी।
उन्होंने ने कहा कि एक बार फिर दीन और इंसानियत के लिए खुद के साथ समूचे कुनबे की शहादत देने वाले हजरत इमाम हुसैन की जिंदगी के उन क्षणों को याद कर नेकी और इंसानियत की नई इबारत लिखने के लिए सबक लिया जाएगा। मुहर्रम माह के आगाज के मद्देनजर अजादार तैयारियों में जुट गए हैं।
जिलहिज माह की 29 तारीख सोमवार को है। इस रात चांद दिखते ही बेमिसाल कुर्बानियों को याद करने का दौर शुरू होगा। लोग जनाब इमाम हुसैन की शहादत को याद करेंगे। करबला की एकतरफा जंग की तस्वीर पेश करने की कोशिश होगी। ऐसा इसलिए ताकि पीढ़ी दर पीढ़ी जनाब इमाम हुसैन के जिक्र को कोख से जुल्म से लड़ने की ताकत और जच्बा पैदा होता रहे। नगर के सदर इमाम बाड़ा पर साफ सफाई का दौर चल रहा है। यहां रौजा और इसके गुंबद की रंगाई-पोताई अंतिम चरण में है। उन सभी स्थानों पर जहां मजलिस होगी, सफाई की जा रही है। चांद दिखते ही अगले दिन से मुहर्रम का महीना शुरू होगा। इमाम हुसैन के बंदे कोविड प्रोटोकॉल व शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जुलूस निकाल इस माह का इस्तकबाल करेंगे। फिर यहां मजलिसों एवं जुलूसों का दौर जारी होगा। चांद रात होते ही खवातिनों के हाथ से चूड़ी और खुशी की हर निशानी दूर हो जाती है।
उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।
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