अखिल भारतीय व्यास संघ का तीसरा राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को संपन्न हुआ। इस दौरान व्यास संघ के विस्तार के लिए जनसंपर्क अभियान की रणनीति पर विचार किया गया। इसके साथ धर्मांतरण के मुद्दे पर भी व्यास समाज से मुखर होने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही अगर कोई जबरदस्ती धर्मपरिवर्तन करेगा तो उससे व्यास संघ हर स्तर पर निपटने के लिए तैयार है।रविवार को पातालपुरी मठ में व्यास संघ के तीसरे राष्ट्रीय अधिवेशन में संघ के विस्तारीकरण पर विस्तृत चर्चा हुई। बिहार एवं मध्यप्रदेश के अध्यक्षों का चयन हुआ। सभी पदों पर नियुक्ति की गई। धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि भारत के छह लाख गांव में 25 लाख से ऊपर व्यास समुदाय अपनी कथाओं के माध्यम से नजर रखते हुए हर एक वर्ग से संपर्क में रहेंगे।
उनको सनातन धर्म से जुड़े रहने की शास्त्रानुसार सीख देने का काम करेंगे। इसके साथ ही बिना किसी भेदभाव के व्यास संघ के सभी पदाधिकारी एव सदस्यगण सभी जनमानस से संपर्क रखेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत बालक दास, राष्ट्रीय महामंत्री पंडित दिनेश त्रिपाठी, संरक्षक पंडित शिवकांत सहित कई लोग मौजूद रहे।
उनको सनातन धर्म से जुड़े रहने की शास्त्रानुसार सीख देने का काम करेंगे। इसके साथ ही बिना किसी भेदभाव के व्यास संघ के सभी पदाधिकारी एव सदस्यगण सभी जनमानस से संपर्क रखेंगे। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत बालक दास, राष्ट्रीय महामंत्री पंडित दिनेश त्रिपाठी, संरक्षक पंडित शिवकांत सहित कई लोग मौजूद रहे।
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