क्षेत्र में राप्ती नदी के उफान से तटवर्ती इलाकों में तेजी से बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। दर्जनों गांव जहां बाढ से घिरे हुए हैं। वहीं सैकड़ों हेक्टेयर फसल पानी में डूब गए हैं। नदियों के तटवर्ती क्षेत्र में बसे लोगों के घरों के दरवाजे तक पानी भर गया है।
आलम यह है कि ग्राम भरवलिया,मस्जिदिया के बाशिंदे घर से बाहर निकलने के लिए नांव का सहारा लेना मजबूरी बन गया है।प्रसव पीड़ित महिलाओं व मरीजों को अस्पताल तक ले जाना और कठिन हो गया है। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्य सामग्रियों की खरीदारी के लिए इन्हें एक किलोमीटर की दूरी नांव से ही तय करनी पड़ती है। हालांकि अभी घरों के अंदर पानी नहीं घुसा है लेकिन खेतों में पानी भरा होने के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पचपेड़वा मार्ग पर पाली पाला के निकट सड़कों के ऊपर बहने से आवागमन खतरे से खाली नहीं है। सड़कों पर पानी के तेज बहाव के चलते आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। तहसील प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मदद के लिए छोटी बड़ी नांव को लगाया गया है इसके साथ ही बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। भरवलिया निवासी सबहू, कलीमुल्ला ने बताया कि तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से आदमियों के साथ साथ मवेशियों के चारे के लिए संकट उत्पन्न हो गई है।
तहसीलदार नरेंद्र राम ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए नांवों को लगाया गया है और जहां जरुरत पड़ती है नांव भेजा जा रहा है। इसके साथ ही बाढ़ चौकियों को चौकन्ना किया गया है किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और आपदा विभाग भी पूरी तरह से तैयार है।
असगरली
उतरौला
ग्राम पंचायत पिरैलामाफी में राजस्य ग्राम पिरैला माफी व डुमरिया दोनों गांवों अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है, मबेशी भूख से मर रहे हैं। जनता को रोज़ मर्रा की वस्तुऐ को स्थानीय बाजारों से खरीदने में या लाने में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जवाब देंहटाएंएक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know