सितंबर से 30 सितंबर तक आवागमन बंद रहेगा। 1988 में बने इस पुल से प्रयागराज से लखनऊ, प्रतापगढ़, रायबरेली, अयोध्या के अलावा आसपास जाने वालों की संख्या ज्यादा रहती है। यह लोग नौकरीपेशा और छात्र हैं। शैक्षिक संस्थानों के अलावा जिला न्यायालय और इलाहाबाद हाईकोर्ट में तमाम अधिवक्ता भी इसी पुल से रोजाना आते हैं। यह पुल बंद होने से उन्हें भी 20 किलोमीटर अतिरिक्त दौड़ लगानी होगी। ऐसे में अब पुराने कर्जन ब्रिज को हल्के वाहनों के लिए खोले जाने की मांग उठने लगी है जब तक मरम्मत का कार्य होता रहे, तब तक के लिए कर्जन ब्रिज से हल्के वाहनों के जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इससे लोगों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी। खासतौर से जिन्हें पुल ही पार करना हो 

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