उस्ताद भारतरत्न बिस्मिल्लाह खां की स्मृति में याद ए बिस्मिल्लाह का आयोजन किया गया। मधु मूर्च्छना एवं मंच कला संकाय बीएचयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कलाकारों ने उस्ताद को भावांजलि अर्पित की। शहनाई, तबला और शास्त्रीय गीतों के जरिए कलाकारों ने उस्ताद को नमन किया।
बीएचयू के प्रो. लालमणि मिश्र वाद्य संग्रहालय दीर्घा में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दीप जलाकर किया। इसके बाद स्वरांजलि की शुरुआत उस्ताद फतेह अली खान ने शहनाई वादन से की। फतेह अली ने राग शुद्ध सारंग में निबद्ध तीन ताल में गत बजाकर आनंदित किया। समापन उन्होंने बनारसी पारंपरिक धुन में मिर्जापुर कईल गुलजार कचौड़ी गली सून कईल बलमू... से किया।भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पुत्र नाजिम हुसैन ने एकल तबला वादन से श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर शुभंकर घोष द्वारा निर्मित भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पर आधारित वृत्त चित्र का भी प्रदर्शन किया गया। अंत में कार्यक्रम संयोजिका एवं मधु मूर्च्छना की संस्थापिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब की प्रिय रचनाओं को अपने गायन के द्वारा प्रस्तुत कर अपनी भावांजलि समर्पित की।
बीएचयू के प्रो. लालमणि मिश्र वाद्य संग्रहालय दीर्घा में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दीप जलाकर किया। इसके बाद स्वरांजलि की शुरुआत उस्ताद फतेह अली खान ने शहनाई वादन से की। फतेह अली ने राग शुद्ध सारंग में निबद्ध तीन ताल में गत बजाकर आनंदित किया। समापन उन्होंने बनारसी पारंपरिक धुन में मिर्जापुर कईल गुलजार कचौड़ी गली सून कईल बलमू... से किया।भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पुत्र नाजिम हुसैन ने एकल तबला वादन से श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर शुभंकर घोष द्वारा निर्मित भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पर आधारित वृत्त चित्र का भी प्रदर्शन किया गया। अंत में कार्यक्रम संयोजिका एवं मधु मूर्च्छना की संस्थापिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने उस्ताद बिस्मिल्लाह खान साहब की प्रिय रचनाओं को अपने गायन के द्वारा प्रस्तुत कर अपनी भावांजलि समर्पित की।
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