औरैया // अजीतमल बाढ़ की तबाही से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया लोगों की गृहस्थी का सामान भी बाढ़ की चपेट में आकर नष्ट हो गया है कई घरों में पानी भरकर घर गिरने की कगार पर पहुंच गए हैं वहीं जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन अब फसलों व अवशेषों के सड़ने से संक्रमण फैलने के खतरे को भी नकारा नहीं जा सकता है स्वास्थ्य विभाग व पशु चिकित्सा विभाग ने पहले से ही तैयारियों को पूरा करना शुरू कर दिया है ताकि किसी प्रकार के संक्रमण को होने से पहले ही रोका जा सके पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. कैलाश बाबू ने बताया की जानवरों में खुरपका, मुंहपका, गलाघोटू और पेट में कीड़ों की बीमारी पैदा हो सकती है। इसकी संभावना को देखते हुए उन्होंने बाढ़ प्रभावित गांवों में डॉ. प्रमोद, राजकुमार, विजय कुमार और रामप्रकाश की टीम के साथ पशुपालकों को दवा का वितरण शुरू कर दिया है क्षेत्र के ग्राम गौहानी से सिकरोड़ी, बडेरा, शाला आदि गांव में पशुपालकों को पशुओं की देखरेख के दिशा निर्देश दिए गए हैं गलाघोटू बीमारी के लिए पशुओं को वैक्सीनेशन किया जा रहा है साथ ही उन्हें दवा भी वितरित की जा रही है सीएससी अधीक्षक डॉ. विमल कुमार ने बताया की गांव की गलियों में जहां पानी भरा रह गया है वहां कुछ मच्छर देखे गए हैं, जिनके लिए दवा का छिड़काव कराया जा रहा है वहीं बच्चों में पेट संबंधित और बुखार संबंध सीरप का वितरण किया जा रहा है उन्होंने लोगों से शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनने की सलाह दी है।

ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव 

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