विजिलेंस के शिकंजे में पूर्व प्रधान और पांच कर्मचारी
सतर्कता विभाग ने पूर्व प्रधान पर भ्रष्टाचार एवं पांचों आरोपियों पर आचरण नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई हेतु भेजा पत्र
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अंबेडकरनगर। अनियमितता और भ्रष्टाचार में पांच साल पहले जलालपुर ब्लाक व मालीपुर गांव में तैनात रहे बीडीओ, एडीओ, टीए, एपीओ, ग्राम सचिव और पूर्व प्रधान की गर्दन विजिलेंस के शिकंजे में फंस गई है। सतर्कता विभाग ने मालीपुर गांव में विकास कार्यों की जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन से की है। विशेष सचिव अरविद कुमार पांडेय ने सतर्कता विभाग की अंतिम जांच आख्या पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा है।
वर्ष 2010 से 2015 के बीच जलालपुर ब्लाक में तैनात रहे तत्कालीन खंड विकास अधिकारी वीके चौधरी और सहायक विकास अधिकारी पंचायत देवीबख्श सिंह समेत अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनोज चौबे, तकनीकी सहायक सलीम, ग्राम पंचायत अधिकारी रामदेव विश्वकर्मा और पूर्व प्रधान सुमन यादव के खिलाफ 10 बिदुओं पर सतर्कता विभाग ने गत फरवरी में गांव पहुंचकर जांच की थी। इसमें इंद्रबली के चक समतलीकरण के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति नहीं लिए जाने का मामला पकड़ा गया। इसके अलावा वर्ष 2010 से 2015 तक प्रधान रहीं सुमन यादव की परिसंपत्ति की खुली जांच में विजिलेंस टीम ने प्रधान के ज्ञात व वैध स्त्रोतों से साढ़े सात गुना अधिक व्यय किया जाना पकड़ा। पांच साल में पूर्व प्रधान का एक लाख दो हजार 50 रुपये आमदनी का स्त्रोत है, लेकिन प्रधान ने चल-अचल संपत्तियां खरीदने और परिवार के भरण-पोषण पर आठ लाख 62 हजार 335 रुपये खर्च किया है। ऐसे में आय से 745 फीसद अधिक सात लाख 60 हजार 285 रुपये व्यय करना भ्रष्टाचार की गवाही देता है। सतर्कता विभाग ने पूर्व प्रधान पर भ्रष्टाचार एवं पांचों आरोपितों पर आचरण नियमावली के तहत विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। विशेष सचिव ने एपीओ व टीए के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा है। सीडीओ घनश्याम मीणा ने बताया कि प्रकरण में कार्रवाई से पहले जांच मनरेगा उपायुक्त को सौंपी है।
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