जौनपुर : गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। केराकत में नदी का जलस्तर शुक्रवार को खतरे का निशान पार कर गया। इसके साथ ही जौनपुर नगर के पचहटिया स्थित सूरज घाट की सीढि़यां डूब गई हैं। पानी बस्तियों की ओर भी बढ़ने लगा है। नदी किनारे के मक्के के खेतों में पानी पहुंचने लगा है। इससे जंगली जानवर वनसूअर व नीलगाय रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ने लगे हैं। इससे किसानों व तटवर्ती लोगों की मुसीबतें बढ़ने लगी हैं। नगर में नदी का जलस्तर 14 फीट के ऊपर पहुंच जाने से बलुआघाट, कटघरा, पानदरीबा क्षेत्र के कुछ इलाकों में पानी पहुंच गया है जिससे लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है।

केराकत प्रतिनिधि के अनुसार : गंगा के दबाव के चलते गोमती का पानी अब खतरे के निशान को पार कर दस सेंटीमीटर ऊपर से बह रहा है। यहां अब नदी का जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। नगर के अधिकतर अंत्येष्टि स्थल जलधारा में समा गए हैं। लोगों को अंत्येष्टि अब सड़क पर ही करनी पड़ रही है। पशुओं के लिए चारा की समस्या हो गई है।

चंदवक प्रतिनिधि के अनुसार : गोमती नदी के बाढ़ से प्रभावित बरइछ गांव, चंदवक घाट के निचले हिस्सों में पानी घुस गया है और लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों की देख रेख प्रधान गीता यादव व खंड विकास अधिकारी डा. छोटेलाल तिवारी कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावितों के तत्काल पुनर्वास की व्यवस्था प्राथमिक विद्यालय में की गई। बाढ़ प्रभावित बरमलपुर, बलुई, बरौटी, चवरवर बरहपुर, चौबेपुर आदि गांवों के किसानों की धान व अन्य फसलें डूब कर समाप्त हो चुकी हैं। तटवर्ती इलाकों में बढ़ा खतरा

केराकत क्षेत्र में गोमती नदी के तटीय इलाके सरोजबड़ेवर, नोनमठिया, भितरी, गोपालपुर, जोखुवाना, चकरारेत, नरहन, मसौड़ा, बेहड़ा, फुटहिया पार, गोबरा, महादेवा सिहौली, सरौनी, पसेंवा आदि गांवों में पानी आ चुका है। नदी के किनारे रहने वाले अब सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। केराकत व चंदवक के कई गावों में लगभग सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है।

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