पढ़ाई के दौरान बच्चों को कोविड नियमों का पालन कराना शिक्षकों और अभिभावकों की जिम्मेदारीः एसीएमओ
-स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जारी की एडवाइजरी

- पठन-पाठन कार्य में बच्चे और शिक्षक का सेनेटाइजर व मॉस्क प्रयोग करना जरूरी

बलरामपुर, 25 अगस्त। जिले में बड़े बच्चों की कक्षाएं शुरू हो गई हैं और एक सितम्बर से कक्षा एक के ऊपर के बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएंगी। एक-दो केस को छोड़कर जिले में कोविड नियंत्रण में है। इस बीच त्यौहारों की शुरूआत भी हो चुकी है। ऐसे में कोविड की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षकों, अभिभावकों व बच्चों से सावधानी बरतने की अपील की है। 
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बी.पी. सिंह ने बुधवार को बताया कि शिक्षकों और अभिभावकों का संयुक्त दायित्व है कि बच्चे कोविड नियमों का पालन करते हुए ही कक्षाओं में पढ़ाई करें। उन्होने बताया कि स्कूलों में पढ़ाई के संबंध में शासन से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी विद्यालयों को प्राप्त हो चुके हैं। उन दिशा-निर्देशों का पालन अवश्य करें। कक्षाओं में सेनेटाइजेशन के साथ सभी बच्चे और शिक्षक को मॉस्क लगाकर ही पठन-पाठन कार्य में शामिल होना जरूरी है। विद्यालय में बच्चों के हाथों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। बच्चों के अभिभावक घर पर ही बच्चों को सुमन-के विधि से साबुन पानी से धोने या सेनेटाइज करने के बारे में विशेष तौर पर प्रशिक्षित करें। स्कूल में शिक्षक इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा लंच के समय बिना सेनेटाइज किये हाथों से खाने का सेवन न करें। पढ़ाई के दौरान एक बच्चे से दूसरे बच्चे के बीच की दूरी का भी ध्यान रखा जाए। अगर किसी बच्चे में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण हैं तो विद्यालय अभिभावकों को सूचित करे और बच्चे को तुरंत चिकित्सक को दिखाया जाए।
डा. बी.पी. सिंह ने बताया कि बच्चों को यह खासतौर पर सिखाना है कि वह नाक, मुंह और आंख को हाथों से न छुएं। उन्हे अपने नाखून छोटे रखने हैं और स्कूल से घर आने के बाद अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे के कपड़े तुरंत धुलने को डाल दें, जूते, बैग आदि सेनेटाइज कर दें। बच्चे को अगर बुखार आ रहा है तो अस्पताल जाने में देरी नहीं करना है। न तो अपने मन से दवा देनी है और न ही किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक की सहायता लेनी है। यदि बच्चे को बुखार है तो अभिभावक बच्चे को स्कूल बिल्कुल ना भेजें। उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म का बुखार होने पर यदि समय से चिकित्सक के पास पहुंचा जाए तो बीमारी की जटिलताएं कम हो जाती हैं।
-ऐसे साफ-सुथरे रखने हैं हाथ
सबसे पहले हथेलियों पर साबुन पानी या सेनेटाइजर लगाएंगे, फिर हथेलियों को उल्टा करके सफाई करेंगे, 
उनके बाद मुट्ठियों की सफाई होगी फिर अंगूठे व नाखूनों को साफ करेंगे और अंत में कलाई साफ करेंगे। याद रखें कि साबुन पानी से 40 सेकेंड तक हाथों की सफाई करनी है।
आनंद मिश्र
बलरामपुर

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