गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान की ओर बढ़ने लगा है। इससे जहां घाटों का संपर्क आपस में टूट गया है, वहीं हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थल भी बदल दिए गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पहाड़ों पर हो रही तेज बरसात के कारण मिर्जापुर, बनारस, गाजीपुर और बलिया में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पूर्वांचल के जिलों में आठ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोत्तरी हो रही है। रविवार सुबह गंगा का जलस्तर 64.36 मीटर दर्ज किया गया।
पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 1.32 मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने जल पुलिस और एनडीआरएफ के जवानों को भी अलर्ट मोड पर रखा है। इधर, गंगा के उफान को देखते हुए वरुणा नदी के किनारे रहने वाले लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। जिसके चलते वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों ने बारिश के बचाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। वरुणा के तटवर्ती क्षेत्रों में नक्खीघाट, सरैयां, अमरपुर मड़िया, शैलपुत्री आदि इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में चला जाता है।
पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 1.32 मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने जल पुलिस और एनडीआरएफ के जवानों को भी अलर्ट मोड पर रखा है। इधर, गंगा के उफान को देखते हुए वरुणा नदी के किनारे रहने वाले लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। जिसके चलते वरुणा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों ने बारिश के बचाव के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। वरुणा के तटवर्ती क्षेत्रों में नक्खीघाट, सरैयां, अमरपुर मड़िया, शैलपुत्री आदि इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में चला जाता है।
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