जौनपुर : नागपंचमी पर शुक्रवार को आस्थावानों ने विधि-विधान से नागदेवता की पूजा कर कुशल मंगल की कामना की। मंदिरों व घरों में नागदेवता की प्रसन्नता के लिए गाय का दूध व धान का लावा चढ़ाया गया। शिवालयों में जलाभिषेक, मंदिर व घरों में रुद्राभिषेक के साथ नागराज का पूजन कर पुण्य लाभ की कामना की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्साह के साथ मनाए गए इस पर्व पर जगह-जगह कुश्ती दंगल व कबड्डी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

शीतला चौकियां धाम में नागपंचमी पर हर्षोल्लास संग नाग देवता के पूजन-अर्चन के बाद शिवालयों में जलाभिषेक किया गया। परंपरानुसार नाग देवता की पूजा के साथ ही चौकियां धाम स्थित डीह बाबा मंदिर पर भक्तों ने हवन किया। पंडित हरिहरदत्त तिवारी ने डीह बाबा मंदिर में आ रहे भक्तों से यज्ञ में आहुति दिलवाया।

शाहगंज प्रतिनिधि के अनुसार : बीबीगंज चौकी क्षेत्र के कुड़ियारी गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें आसपास के गांवों से आई टीमों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कुड़ियारी व द्वितीय स्थान छभवां की टीम ने प्राप्त किया। पहला मुकाबला चकहकीमी और चौकिया के बीच खेला गया। इसमें चकहकीमी की टीम विजेता रही। दूसरा मुकाबला कुड़ियारी और चकहकीमी के बीच खेला गया। जिसमें कुड़ियारी की टीम विजेता रही। प्रतियोगिता में गोड़िला, छभवां, शिवराजपुर, गोल्हागौर, मदरहा, चक हकीमी, ताखा पश्चिम शिवपुर आदि गावों से आई टीमों में रोमांचक मुकाबला हुआ। इस मौके पर दीपक जायसवाल, राहुल जायसवाल, अनूप जायसवाल, ललित सोनी, शिवकुमार सोनी, मोहन यादव, आलोक सिंह, शुभम पांडेय, शुभम सिंह, रत्नेश सिंह आदि ने प्रतिभाग किया।

गौराबादशाहपुर प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र के सरसौडा गांव स्थित प्रसिद्ध रायमान बाबा मंदिर पर मेले का आयोजन किया गया। वहां पहुंचे लोगों ने दर्शन-पूजन किया। मान्यता है कि नागपंचमी के दिन इस मंदिर पर पूजा करने तथा हलुआ पूड़ी चढ़ाने वाले को वर्ष भर सांपों का भय नहीं होता। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने भारी संख्या में पहुंचकर कड़ाही भी चढाई। मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अशोक ने बताया कि हर वर्ष नागपंचमी के दिन मंदिर पर होने वाले हवन में लगभग एक क्विटल देशी घी की आहुति दी जाती है।

सुजानगंज प्रतिनिधि के अनुसार : क्षेत्र के शिवालयों में श्रद्धा के साथ नागदेवता को लावा दूध चढ़ाया गया। यह पर्व सावन शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इस पर्व पर श्रद्धा के साथ नाग देवता की पूजा कर दूध और लावा चढ़ाने की परंपरा का पूरी श्रद्धा के साथ निर्वहन किया जाता है।

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