नांव से आवागमन करने को विवश हैं भरवलिया गांव के बाशिंदे
उतरौला (बलरामपुर) बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तहसील प्रशासन व आपदा सतर्क है साथ ही बाढ़ चौकियों को सतर्क किया गया है।
क्षेत्र में राप्ती नदी के उफान से तटवर्ती इलाकों में तेजी से बढ़ते जलस्तर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। दर्जनों गांव जहां बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं कई गांव पानी से घिरे हुए हैं। नदियों के किनारे बसे लोगों के घरों के दरवाजे तक पानी भर गया है। हालांकि अभी घरों के अंदर पानी नहीं घुसा है लेकिन खेतों में पानी भरा होने के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पचपेड़वा मार्ग पर पाली पाला के निकट सड़कों के ऊपर बहने से आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीणों की मदद के लिए छोटी बड़ी नांव को लगाया गया है इसके साथ ही बाढ़ चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है। भरवलिया निवासी सबहू, कलीमुल्ला ने बताया कि तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से परेशानी बढ़ गई है गांव के चारों ओर पानी भर जाने से दिनचर्या के सामानों की खरीदारी के लिए घर से निकलते ही नांव पर सवार होना पड़ता है। उपजिलाधिकारी नागेन्द्र नाथ यादव ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए नांवों को लगाया गया है और नांव भेजा जा रहा है।एनडीआरएफ एसटीआरएफ टीम को अलर्ट कर दिया गया है इसके साथ ही बाढ़ चौकियों को चौकन्ना किया गया है किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और आपदा विभाग भी पूरी तरह से तैयार है।24घंटे निगरानी के लिए कोविड 19के साथ ही बाढ़ हेल्प डेस्क को भी एक्टिव कर दिया गया है। वर्तमान में कहीं भी खतरे की सूचना नहीं है।
उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।
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