उतरौला (बलरामपुर)
विकासखंड गैड़ास बुजुर्ग अंतर्गत ग्राम पंचायत टेढ़वा नवाबाद निवासी नसीम अहमद ने मुख्यमंत्री, जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व जिला पंचायत राज व खंड विकास अधिकारी को पत्र भेजकर सरकारी धन के बंदरबांट करने तथा पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान हकीकुननिशा के विरुद्ध उच्च अधिकारियों द्वारा जांच करा कर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
आरोप है कि पंचायत सचिव द्वारा कोरोना काल के दौरान महामारी से बचाव हेतु गांव के सेनेटाइजेशन, साफ सफाई आदि के लिए पांचवा राज्य वित्त आयोग से बहात्तर हज़ार पांच सौ रुपए, ठेला मरम्मत के नाम पर बीस हज़ार पांच सौ रुपए, तथा साफ सफाई के सामान के नाम पर बत्तीस हजार पचीस रुपए निकाल गया। जबकि ग्राम सभा में ना ही सैनिटाइजेशन कराया गया और ना ही ठेला मरम्मत कराया गया।  ग्राम सभा के विकास के लिए सामग्री के नाम पर बयालीस हजार एक सौ चार रुपए तथा एक लाख एकयासी  हज़ार दो सौ का फर्जी बाउचर लगाकर भुगतान कर लिया गया। पांच हैंड पंप रिबोर व मरम्मत के नाम पर एक लाख पैंसठ हज़ार पांच सौ तिरानबे रुपए का भुगतान कर किसी हैंडपंप का रीबोर व मरम्मत नहीं कराया गया। छ हजार नौ सौ निन्यानबे रुपए प्रशासनिक खर्च के नाम पर व प्रचार प्रसार के नाम पर नौ हज़ार आठ सौ निन्यानबे रुपए निकाल कर ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम प्रधान हकीकुननिशा पर गोलमाल करने का आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान काफी दबंग, भ्रष्ट, जालसाज प्रवृत्ति के है। शिकायतकर्ता को ही एससी एक्ट में फसाकर फर्जी मुकदमा लिखाने की धमकी दे रहा है।
शिकायतकर्ता ने मांग किया है कि पंचायत
सचिव व ग्राम प्रधान द्वारा विकास के नाम पर किए गए सरकारी धन का बंदरबांट एवं कागजी विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा कराया जाना नितांत आवश्यक है।
पंचायत सचिव प्रीतम श्रीवास्तव ने कहा कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।



उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।

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