गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है, लेकिन दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। जहां भी गंगा का पानी रुका हुआ है, वहां पर आनेजाने वाले लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा सामनेघाट इलाके के मारुति नगर के लोग परेशान हैं। वहां अभी भी कमर तक पानी लगा हुआ है। लोग इसी पानी के बीच से आवाजाही कर रहे हैं। कई मकानों से बाढ़ का पानी नहीं निकल सका है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कम हो रहा है। शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 67.03 मीटर दर्ज किया गया। वहीं, सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 67.35 मीटर था। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग सिल्ट की समस्या से जूझ रहे हैं।मारुति नगर कॉलोनी में लोग बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं। हालांकि क्षेत्र में नगर निगम सक्रिय है और साफ सफाई के साथ ही दवाओं का छिड़काव कर रहा है। सामनेघाट, वरुणापार समेत सभी निचले इलाकों में जलस्तर तो कम हो गया है, लेकिन कीचड़ और जलजमाव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर चार सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से कम हो रहा है। शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 67.03 मीटर दर्ज किया गया। वहीं, सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 67.35 मीटर था। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग सिल्ट की समस्या से जूझ रहे हैं।मारुति नगर कॉलोनी में लोग बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं। हालांकि क्षेत्र में नगर निगम सक्रिय है और साफ सफाई के साथ ही दवाओं का छिड़काव कर रहा है। सामनेघाट, वरुणापार समेत सभी निचले इलाकों में जलस्तर तो कम हो गया है, लेकिन कीचड़ और जलजमाव से संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
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