काशी विद्यापीठ को बनारस के नए कल्चरल हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृतियों को सहेजने के साथ ही देश और दुनिया भर के शोधार्थियों के लिए शोध का केंद्र भी बनेगा। काशी विद्यापीठ और संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से बापू पर आधारित कल्चरल हेरिटेज सेंटर खोलने की कवायद शुरू हो चुकी है।
सौ साल पूर्ण करने के बाद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बापू पर आधारित शोध और पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कल्चरल हेरिटेज के लिए प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इसमें गांधी अध्ययन संस्थान और बापू के कमरे को केंद्र में रखा गया है।गांधी अध्ययन केंद्र को शोध का केंद्र और बापू के कमरे को म्यूजियम का स्वरूप दिया जाएगा। कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि काशी विद्यापीठ को राष्ट्रपिता पर आधारित शोध, अध्ययन व पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय को भेजा जाएगा।

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