ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों व पंचायत भवनों के निर्माण की धीमी प्रगति का कारण जानने के लिए शनिवार शाम तहसील सभागार में चारों विकास खंडों के ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों व लेखपालों के साथ एसडीएम डॉ. नागेंद्र नाथ यादव ने बैठक की। पंचायत सचिवों ने बताया कि दो दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतोंं में पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। धीमे निर्माण पर नाराजगी जताते हुए एसडीएम ने लेखपालों को निर्देश दिया कि ग्राम सभाओं में खाली पड़ी जमीनों की तलाश जल्दी पूरी कर निर्माण कार्य में आ रहे अवरोध को समाप्त करें। इस मामले में लगातार शासन से प्रगति पूछी जा रही है। लापरवाही बरतने वाले पंचायत सचिव व लेखपाल कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। दो दिन के भीतर जमीनों को चिन्हित करने का काम पूरा हो जाना चाहिए। बैठक में उपस्थित लेखपालों ने जमीनी विवाद व बरसात से जलभराव की समस्या बतााई।
कुछ लेखपालों ने जमीन विवाद में ग्राम प्रधानों के हठपूर्ण रवैयै की बात कही। बीडीओ श्रीदत्तगंज ने कहा कि ग्राम पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा होने से खाली जमीनें नहीं मिल पा रही है। पंचायत की जमीन पर हुुुए अवैध अतिक्रमण न हटवाने के लिए लेखपाल पर मिली भगत का आरोप लगाया। उतरौला के नया नगर विशुनपुर के ग्राम प्रधान मुजाहिद रब्बानी ने शिकायत की कि पंचायत भवन निर्माण के लिए जमीन की पैमाईश करने के लिए लेखपालों की टीम गठित होनेे के तीन सप्ताह बाद भी पैमाईश नहीं हुई है।
एसडीएम ने हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन व सार्वजनिक शौचालय के निर्माण पर विकास विभाग, राजस्व व ग्राम प्रधानों से चर्चा की। संतोष कुमार, जसवंत कुमार, मुहम्मद इकबाल, अमरनाथ वर्मा, विजयपाल छांगुर समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
असग़र अली
उतरौला
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