उतरौला(बलरामपुर)
क्षेत्र में राप्ती नदी ने रविवार से ताण्डव मचाना शुरू दिया है। ढुड़िहिया,मस्जिदया, नूरपुर तकिया, सेखुइया,गोनकोट,बौड़ीहार,नंदौरी गांव बाढ़ के कारण जलमग्न हो गए हैं। मस्जिदया गांवों के घरों में व परिषदीय विद्यालय में कई फिट पानी भरा हुआ है। स्वतंत्रता दिवस पर अध्यापकों को कमर भर पानी में चल कर गांव के परिषदीय विद्यालय पर झंडारोहण करने जाना पड़ा।
डुमरियागंज मुख्य मार्ग से गांव को जाने वाले संपर्क मार्ग पर पानी बह रहा है। लोगों के आने जाने के लिए प्रशासन की ओर से नदी के उस पार नूरपुर तकिया गांव में एक नाव की व्यवस्था करा दी गई है।
राप्ती नदी रविवार से विकराल हो गई है। जिससे नदी इस पार व उस पार सहित आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी से लबालब हो गए हैं। प्रधान अल्तमस, पूर्व ब्लाक प्रमुख जमाल अख्तर, ग्रामीण मोहम्मद असलम,सलीमुल्लख,अमानत,सूरज आदि ने बताया कि क्षेत्र के कई गावों की लगभग दस हजार हजार की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है। 
बाढ़ से ग्रामीणों का जनजीवन अस्त व्यस्त है।
पीड़ितों के पास रहने व खाना बनाने की जगह नहीं बची है। पीड़ित मचान आदि बनाकर व छप्पर के ऊपर गृहस्थी का सामान रखे हुए हैं।
ग्राम भरवलिया वासियों को नदी पार करने के लिए जान जोखिम में डालकर निजी नाव से पानी में लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है।
असग़र अली
उत्तरौला

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