मादक औषधियों का दुरुपयोग रोकने में विभाग उदासीन 

            गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों) 
अम्बेडकरनगर। मादक औषधियों के दुरुपयोग को रोकने के संबंध में जारी शासनादेश का यहां जिले में पालन नहीं कराया जा सका। इस संबंध में औषधि अनुज्ञापन प्रभारी एवं नियंत्रण प्राधिकारी लखनऊ ने समस्त औषधि निरीक्षकों को गत माह में ओदश जारी किया था।
विगत 30 जुलाई को जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि मादक औषधियों के दुरुपयोग को रोकना विभाग की प्राथमिकता है और इसके लिए जिले के दस बड़े मेडिकल स्टोरों की जांच कर विक्रय की सूचना संकलित कर 12 अगस्त तक प्रेषित करने का निर्देश दिया गया था। आदेशों को दर किनार कर विभागीय स्तर अभी तक बड़े फुटकर औषधि विक्रेताओं की दुकानों पर मादक औषधियों के विक्री की जांच नहीं की गई। ड्रग एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राम रतन वर्मा व महासचिव हरीराम दुबे ने संयुक्त रूप से कहा कि मादक औषधियों के दुरुपयोग को रोकना विभाग की प्राथमिकता है।

विगत दिनों प्रदेश में मारे गए छापों से बरामद मादक औषधियों से यह स्पष्ट होता है कि कतिपय औषधि विक्रेताओं द्वारा मादक औषधियों की विक्री फर्म विशेष के माध्यम से अधिक विक्रय किया जा रहा है। मादक औषधियों की विक्री गलत ढंग से न हो इसे रोकने के लिए विक्रय के वास्तिविक आंकलन किया जाना जरूरी है। ड्रग एसोसिएशन जिलाध्यक्ष ने कहा कि जब तक जिले में बिना लाइसेंस के साथ चल रहे मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंध नहीं लगेगा तब तक सरकार की इस मंशा पर रोक नहीं लग सकता है। क्योंकि देहात के अलावा जिला मुख्यालय पर बिना प्रोपराइटर एवं बिना फार्मासिस्ट के मेडिकल स्टोर औषधि निरीक्षक के रहमों करम पर चल रहे हैं।

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