औरैया // औरैया व अजीतमल ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यमुना का जलस्तर घटने के बाद तबाही का मंजर साफ दिख रहा है किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि की फसलें चौपट हो चुकी हैं। कृषि विभाग व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर क्षति का आकलन कर चुके हैं, लेकिन राजस्व विभाग की देरी के चलते रिपोर्ट तैयार नहीं हो पा रही है यमुना में जलस्तर बढ़ने से ब्लॉक औरैया व अजीतमल के क्योंटरा, आस्ता, नौरी, बीजलपुर, मिश्रपुर, असवेटा, कैथोली, जुहीखा, मई सहित 12 से अधिक राजस्व ग्रामों में बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों एकड़ भूमि में खड़ी बाजरा, ऊर्द आदि की फसलें जलमग्न होकर चौपट हो चुकी हैं गांव के गांव डूबने के साथ-साथ गृहस्थी व अनाज की बर्बादी और फसलें डूबने से किसान और मजदूरों को हालत खराब है किसान जल्द से जल्द आर्थिक मदद के लिए इंतजार कर रहे हैं हैं डीएम सुनील कुमार वर्मा ने कृषि विभाग, बीमा कंपनी व राजस्व विभाग के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षति का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन दो दिन बीतने के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। एक अधिकारी का कहना है कि लेखपालों को प्रभावित क्षेत्रों की पूरी जानकारी है। रिपोर्ट तैयार करने में विलंब होने का कारण समझ नहीं पा रहे हैं रबी की बुवाई के लिए खड़ा हुआ संकट किसान खरीफ की बुवाई जुलाई माह के अंतिम पखवाड़ा तक करता है लेकिन इस बार बारिश के कारण उसे फसल बोने का मौका नहीं दिया और बाद में बाढ़ आ गई। जिससे बाढ़ प्रभावित किसानों के सामने रबी की फसल बोने की समस्या खड़ी हो गई है किसान खरीफ की फसल बेचकर उससे प्राप्त धन से रबी की फसल के लिए खाद, बीज खरीद करता है कृषि निदेशक डॉ तिवारी ने बताया कि विभाग व बीमा कंपनी के प्रतिनिधि सर्वे कर चुके हैं राजस्व विभाग की रिपोर्ट आना बाकी है रिपोर्ट प्राप्त होते ही शासन को भेज दी जाएगी। 

ब्यूरो रिपोर्ट - जे एस यादव 

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