निजी स्कूलों में बिना किसी खर्च के पढ़ाई करने के लिए चयन होने के बाद भी 6982 बच्चे पढ़ने के लिए तैयार नहीं है। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन्हें केवल बेसिक शिक्षा विभाग से जारी आवंटन पत्र को लेकर संबंधित स्कूल में जाकर प्रवेश सुनिश्चित कराना था, लेकिन अभिभावक यहां नहीं पहुंचे। बच्चों को स्कूल न भेजने का कारण कोरोना महामारी ही माना जा रहा है।शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पिछले वर्ष सभी चरणों में कुल मिलाकर 13758 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। जबकि प्रवेश प्रक्रिया 9180 अभ्यर्थियों ने ही पूरी की। वहीं, इस साल दो चरणों के बाद 8709 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इसमें केवल 6300 ने ही निजी विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की
निजी स्कूलों में मुफ्त में भी पढ़ने को तैयार नहीं 6982 बच्चे,
pramod sharma
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