यूपी में 1 सितंबर से पठन-पाठन की तैयारी शुरू सीएम योगी ने दिए निर्देश
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कक्षा 06 से 08 वीं तक की कक्षाओं में नवीन प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति का आकलन करते हुए इन विद्यालयों में एक सितंबर से पठन-पाठन शुरू किया जाय।
गौरतलब है कि राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाहकार समिति की अनुशंसाओं के अनुरूप स्वाधीनता दिवस के उपरांत माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी क्षमता के साथ भौतिक रूप से पठन-पाठन प्रारंभ करने का निर्देश दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी जगह कक्षाएं दो पाली में चलें। कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाए।
इसके साथ ही उन्होंने टीम-9 के अधिकारियों से प्रदेश में कोविड की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए दो दिवसीय साप्ताहिक बंदी में आंशिक छूट दिए जाने पर विचार करने को कहा है।
कहा कि इस संबंध में गृह विभाग विस्तृत गाइडलाइन प्रस्तुत करे। प्रत्येक स्थान पर प्रत्येक दशा में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन कराया जाए। कहीं भी अनावश्यक भीड़भाड़ न हो। पुलिस पेट्रोलिंग सतत जारी रहे। नवीन व्यवस्था के संबंध में समुचित दिशा-निर्देश प्रस्तुत किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के उपरांत माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में भौतिक रूप से पठन-पाठन प्रारंभ होगा। इसके दृष्टिगत, 18 वर्ष से अधिक विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए विश्वविद्यालय, स्कूल, कॉलेज परिसर में ही टीकाकरण शिविर लगाए जाएं। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों व कार्मिकों की उपस्थिति हो रही है, आवश्यकतानुसार इन विद्यालय परिसर में भी टीकाकरण शिविर आयोजित किए जाएं।
अपर मुख्य सचिव 'सूचना' नवनीत सहगल ने बुधवार को बताया कि औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है।
पिछले 24 घंटे में हुई ट्रेस्टिंग में 27 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 63 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 85 हजार 555 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
बतया कि विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 39 हजार 909 सैम्पल की टेस्टिंग में 59 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 16 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 505 रह गई है।
उन्होंने बताया कि जनपद अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोंडा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, प्रतापगढ़, शामली और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त है।
प्रदेश में कोविड टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है। प्रदेश में अब तक 5.50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। कोविड से बचाव के लिए टीका-कवर अति उपयोगी है। कोविड के खिलाफ अब की लड़ाई में टीके की महत्ता स्वयं सिद्ध है। इसके दृष्टिगत, उत्तर प्रदेश एक मात्र राज्य है, जहां अब तक 05 करोड़ 50 लाख 52 हजार से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। 04 करोड़ 64 लाख 33 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है।
बताया कि प्रदेश में अब तक 86 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने की आवश्यकता है। कोविड टीके की दूसरी खुराक समय पर मिलना सुनिश्चित कराया जाए। जिन लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, उनसे संवाद-संपर्क किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार का दिन सेकेंड डोज के लिए आरक्षित रखें। बौद्ध-भिक्षु गणों, विदेशी नागरिकों व असहाय व निराश्रित जनों के टीकाकरण के लिए भी समुचित व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कतिपय जनपदों में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन बकाया होने की जानकारी प्राप्त हुई है। यह अच्छी स्थिति नहीं है। इन लोगों ने कोविड महामारी के बीच अपने प्राण की परवाह न करते हुए दायित्व निर्वहन किया है। शासन के स्थायी कर्मचारी हों, अथवा संविदा या आउटसोर्सिंग कार्मिक, किसी भी दशा में एक भी कर्मचारी का वेतन बकाया न रखा जाए। किसी भी दशा में वेतन भुगतान लंबित न रहे। सभी विभाग इस आदेश का अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ व अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। सभी प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें। नौकाएं, राहत सामग्री आदि के प्रबंध कर लिए जाने चाहिए। बाढ़ व अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से अब तक 556 में से 293 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। तकनीशियनों का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी गण निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का सतत निरीक्षण करते रहें।
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