काशी विश्वनाथ मंदिर की छवि खराब करने वाले निशुल्क शास्त्री और कर्मचारियों पर बुधवार को गाज गिर गई। मंडलायुक्त ने 10 निशुल्क शास्त्रियों का पास निरस्त करते हुए मंदिर परिसर में पूजा-पाठ कराने पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं दो शास्त्रियों और मंदिर के एक सहायक पीआरओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बुधवार को आयुक्त सभागार में बैठक के दौरान यह कार्रवाई की। मंडलायुक्त को जानकारी मिली थी कि हेल्प डेस्क की ओर से रखे गए निशुल्क शास्त्री दर्शनार्थियों से निर्धारित शुल्क से अतिरिक्त पैसों की मांग करते हैं, इसके अलावा मंदिर के कर्मचारियों द्वारा श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार करने की शिकायतें मिलीं थीं।मंडलायुक्त ने कहा कि मंदिर की छवि खराब करने वाले ऐसे किसी कर्मचारी, निशुल्क शास्त्री की मंदिर में कोई जगह नहीं है। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बैठक के दौरान मंदिर के कर्मचारियों और अर्चक को सावन में बेहतर कार्य करने के लिए बधाई दी। बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा, ज्वाइंट कमिश्नर उमेश सिंह और अर्चक उपस्थित रहे।

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