सुरेन्द्र शर्मा

अम्बेडकरनगर:-
अंधाधुंध बिजली कटौती से बढ़ रहा जनाक्रोश कटौती बनी मुसीबत का सबब।सूबे के मुखिया द्वारा प्रदेश वासियों को 24 घंटे बिजली देने के दावे किये जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जनपद मुख्यालय अकबरपुर पर तहसील मुख्यालय पर 20 और पहितीपुर बाजार ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली देने का फरमान सुनाया था। खासतौर से रात में बिजली कटौती न करने के सख्त निर्देश दिये थे। लेकिन इन आदेशों को धता बताकर क्षेत्र में अंधाधुंध बिजली कटौती की जा रही है।गत कुछ दिनों से क्षेत्र में बिजली कटौती काफी बढ़ गई है, जिससे क्षेत्रवासी बेहाल हैं। कस्बा में जहां 20 घंटे आपूर्ति मिलनी चाहिए, लेकिन यहां औसतन 12-14 घंटे बिजली ही नसीब हो पा रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में 10 घंटे बिजली मिल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री के दावे बेअसर साबित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात की अघोषित बिजली कटौती से है। उमस भरी गर्मी और मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान हैं। रात को बिजली कटने से बच्चों के बिलखने की आवाजें गूंजती रहती हैं। लोग बीमार हो रहे हैं। लोगों की दिनचर्या अस्त व्यस्त हो गई है और अवसाद के शिकार हो रहे हैं। इस समस्या को लेकर जनाक्रोश बढ़ रहा है। बिजली कटौती से परेशान लोगों का कहना है कि नयी सरकार से उनको काफी उम्मीदें थी कि अब क्षेत्र में अच्छी बिजली आपूर्ति मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था की बदहाली से ही पिछली प्रदेश सरकार की लुटिया डूबी थी। अगर यही हाल रहा तो क्षेत्रवासियों का जनाक्रोश ज्वालामुखी बनकर फूटेगा।



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