कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल में जरूरी दवाओं का अभाव है। शुगर, डायरिया और एंटी एलर्जिक दवाएं नहीं मिल रही हैं। इस अस्पताल में आने वाले ज्यादातर मरीज निम्न-मध्यम वर्ग के होते हैं। ऐसे में बाहर से दवा खरीदने में उनपर आर्थिक भार ज्यादा पड़ रहा है।कोरोना के चलते लंबे समय बाद ओपीडी शुरू हुई है। इससे अस्पताल में ज्यादा ही भीड़ हो रही है। मंडलीय अस्पताल में रोज करीब 1200-1300 मरीज पहुंच रहे हैं। पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाने के बाद वहां के मरीज भी मंडलीय अस्पताल में आ रहे हैं। इस कारण वहां पर दवाओं की मांग ज्यादा बढ़ गई है। इसके कारण बी कॉम्लेक्स, सेट्रिजिन, लैसिक्स, मेट्रोजिल, नेट फार्मीन सहित अन्य जरूरी दवाओं का स्टॉक खत्म हो गया है। बी-कॉम्लेक्स एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट को रोकने, लैसिक्स यूरिन में जलन, बीटाडीन घाव, मेट्रोजिल डायरिया और नेट फार्मीन शुगर के लिए दिया जाता है। इसके साथ ही आग से जलने के बाद सिल्वर सल्फा डाइजीन मरहम भी नहीं है। अस्पताल से दवा नहीं मिलने के कारण लोगों को बाहर से दवा लेनी पड़ती है। मंडलीय अस्पताल के एसआईसी डॉ. प्रसन्न कुमार ने कहा कि हमारे पर दवाओं की कमी नहीं है। जो दवाएं नहीं हैं, उनका विकल्प भी मौजूद है। जो दवाएं कम हैं, उनकी सूची बन रही है। जल्द ही सभी दवाएं मंगाई जाएगी।

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