अयोध्या ....
रामनगरी में आज भगवान जगन्नाथ की भव्य यात्रा ..
अयोध्या में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलती है। इस उत्सव के केंद्र में जगन्नाथ की अपनी नगरी पुरी तो होती ही है परन्तु रामनगरी में भी इस उत्सव को बड़ी ही धूमधाम के साथ पहले से ही इसकी तैयारी की जाती है | भगवान जगन्नाथ जी की छटा राम नगरी में चारों ओर बिखरती है। यहां के कई दर्जन भर मंदिरों से रथयात्रा पूरी भव्यता और साज-बाज के साथ साधु -संत एवं श्रद्धालु पूरे भाव से आराध्य विग्रह को पालकी पर स्थापित कर हाथी-घोड़ा और बैंड की धुन के साथ मंगल गीत गाते हुए शोभायात्रा निकालते हैं। इस वर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया की तिथि 12 जुलाई को पड़ रही है। कोरोना संकट को लेकर झिझक के बावजूद उत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। रामनगरी के अधिकांश मंदिरों से पुरी की तर्ज पर इस वर्ष भी रथयात्रा निकलेगी |
राम नगरी के अनेक मंदिरों में स्थापित हैं भगवान जगन्नाथ - रामनगरी में भगवान जगन्नाथ के प्रति अनुराग रथयात्रा के साथ उनके विग्रह की स्थापना से भी परिलक्षित है। पुरी से आए बाबा राधामोहनदास ने 1664 में ही रामजन्मभूमि के बगल भगवान जगन्नाथ का विग्रह स्थापित किया। तभी से जगन्नाथ मंदिर के रूप में राधामोहनदास की आस्था सतत प्रवाहमान है। जगन्नाथ मंदिर के बगल ही प्राचीन रामकचहरी मंदिर है। इस मंदिर में भी भगवान जगन्नाथ के साथ बहन सुभद्रा और भाई बलराम का विग्रह स्थापित है। शीर्ष पीठ मणिरामदास जी की छावनी परिसर में भी भगवान जगन्नाथ का विग्रह स्थापित हैं |
इस बार भगवान जगन्नाथ के यात्रा में कोरोना के चलते बाहर से आये श्रद्धालुओं की संख्या पहले से कम रहेगी | भगवान जगन्नाथ जी के भव्य शोभायात्रा में कोविड़ गाइडलाइन का पालन के साथ यात्रा निकालने की इजाजत प्रशासन ने दिया है |--------+++संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर++
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