बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन
बागपत कोपरेटिव शुगर मिल के इतिहास में इकबाल अहमद आजाद को प्रधान प्रबन्धक के एक कामयाब निजी सचिव के रूप में जाना जाता है। सन 1960 से सन 1998 तक 38 वर्षो तक के कार्यकाल में उन्होंने पूरी लगन, ईमानदारी और मेहनत के साथ कार्य किया और अपनी एक अमिट पहचान बनायी। कार्यालय से सम्बंधित हर कार्य पर उनकी मजबूत पकड़ थी। वह मानवता को सभी धर्मो से ऊपर मानने वाले शख्स थे। सभी धर्मो का समान आदर सम्मान करते थे। उनके कार्यकाल के दौरान काॅलोनी में रहने वाले लोगों को 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा उपलब्ध थी। शुगर मिल कालोनी परिसर में साफ-सफाई से युक्त बेहतरीन पार्क, गेस्ट हाउस, खेल के मैदान, खेल के क्लब थे। मकानों और सड़कों की मरम्मत समय से होती थी। गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था थी। गंदगी का नामों-निशान तक नही था। वह एक प्रकृति प्रेमी थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अनेकों छायादार, फलदार और औषधीय पौधे लगवाये। इसके अलावा सड़कों के किनारों और पार्को में अव्वल दर्जे के फूल के पौधे क्यारियों में रोपित किये गये। उनके कार्यकाल में समय-समय पर विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ करता था। पीर बाबा की मजार हो या मां दुर्गा का मंदिर बिना किसी भेदभाव के सभी का समान आदर किया करते थे। वह एक सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति थे। किसी भी प्रकार की विपरित परिस्थितियों से नही धबराते थे। उनका मानना था कि मनुष्य का एक ही धर्म है और वह है मानवता। हम इस दुनिया में इंसान बनकर आए है तो सिर्फ इसलिए कि हम मानव की सेवा कर सकें। पूरे विश्व में ईश्वर ने हम सभी को एक सा बनाया है। वह कहा करते थे कि एक जैसे ही तत्व हम सबके भीतर है। जिस दिन यह सच्ची बात हमारे सच्चे मन में स्थापित हो जाएगी तो फिर हमारे सभी भेद खुद मिट जाएंगे।

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