श्रीदत्तगंज। कचहरी में छोटे स्टाम्प पेपर की कमी से अधिवक्ता, वादकारी काफी परेशान हैं। कचहरी में स्टाम्प पेपर की कालाबाजारी से पचास रुपए का स्टाम्प पेपर दो सौ रुपए में बेचा जा रहा है। अधिवक्ता संघ उतरौला ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उतरौला तहसील मुख्यालय पर स्टाम्प पेपर के बिक्री कराये जाने की व्यवस्था करने की मांग की है।
उतरौला तहसील मुख्यालय पर काफी अर्से से टेजरी कार्यालय से स्टाम्प पेपर की बिक्री स्टाम्प पेपर के लाइसेंस धारियों को बेची जाती रही है।
इससे अधिवक्ता व वादकारियों को स्टाम्प लाइसेंसधारियों से स्टाम्प पेपर मिल जाते रहे हैं। वादकारी व ग्रामीण आय,निवास,जाति प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल व बैंक में ऋण लेने के लिए नोटरी कार्य हेतु स्टाम्प पेपर की खरीदारी करते रहे हैं। मामलों उस समय गम्भीर हो गया जब पिछले वर्ष शासन ने उतरौला तहसील मुख्यालय का टेजरी कार्यालय को बंद कर दिया। मजबूरन स्टाम्प पेपर लाइसेंसधारियों को स्टाम्प पेपर लाने के लिए बलरामपुर मुख्यालय जाना पड़ता है। स्टाम्प पेपर लाइसेंसधारियों का आरोप है कि बैंक में सरकारी खजाने में स्टाम्प पेपर का पैसा जमा करने के बाद स्टाम्प पेपर कलेक्ट्रेट के खजाने पर स्टाम्प पेपर लेने के लिए उतरौला तहसील मुख्यालय से तीन किमी दूर बलरामपुर मुख्यालय का चार पांच बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसका फायदा उठाकर स्टाम्प पेपर विक्रेता जमकर स्टाम्प की कालाबाजारी कर चौगुनी व पांच गुनी दाम पर बेचते हैं। स्टाम्प पेपर की कालाबाजारी से अधिवक्ता व वादकारी त्रस्त है। अधिवक्ता संघ उतरौला अध्यक्ष प्रहलाद यादव ने डीएम को पत्र लिखकर उतरौला तहसील मुख्यालय पर सरकारी स्टाम्प पेपर की समुचित व्यवस्था कराये जाने की मांग की है। अधिवक्ता संघ उतरौला के महामंत्री अखिलेश सिंह ने कहा कि सरकार जनता के द्वार तक न्याय पहुचा रही है। उसके बाद भी स्टाम्प पेपर के लिए जिला मुख्यालय को दौडाती है।
उधर स्टाम्प पेपर विक्रेताओं का आरोप है कि बलरामपुर मुख्यालय का चक्कर लगाने से काफी धन व समय का नुक़सान उठाना पड़ता है और स्टाम्प पेपर लेने के लिए पूरा दिन लग जाता है। इस कारण काफी परेशानी होती है।
असग़र अली
उतरौला
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