खरीफ की बोआई बारिश के अभाव में चौपट होती जा रही है। पानी के अभाव में धान की फसल खेतों में मुरझाने लगी है। डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण बार-बार पंपिंग सेट चलाकर सिंचाई करने में किसान हलकान हो रहे हैं।
क्षेत्र में अस्सी प्रतिशत से अधिक खेतों में खरीफ के फसलों की रोपाई हो चुकी है। बेड़न डालने के समय की गई सिंचाई के बाद किसानों को उम्मीद थी कि जुलाई में अच्छी बारिश से फसलों को फायदा होगा लेकिन जुलाई का एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी बारिश का औसत दस फीसद भी नहीं है।खैतों में धान की रोपाई कर चुके किसान बारिश को लेकर अब बादलों की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। किसान अब्दुल कादिर, पारस नाथ, गंगा प्रसाद, सोमई, मेवालाल बताते हैं कि धान की रोपाई के बाद खेत में पानी भरा होना बहुत जरूरी है।
पानी की कमी से पौधे सूखते हैं साथ ही घास व खर पतवार तेजी से पनपने लगते हैं। जिससे किसानों की बोआई का लागत बढ़ जाता है।
असगर अली
उतरौला
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