यात्री ट्रेनों को अब आउटर पर इंतजार नहीं करना होगा। इसके लिए यार्ड रिमॉडलिंग का काम किया जा रहा है। इसके तहत सभी प्लेटफार्मों की लंबाई और चौड़ाई बढ़ाने के साथ ही मालगाड़ियों के यार्ड में जाने के लिए अलग लाइन भी बिछाई जा रही है। इस पूरे प्रोजेक्ट को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसके लिए पहले 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। जिसे अब बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पहले चरण में अभी तक कैंट से वाराणसी सिटी स्टेशन तक डबल लाइन का कार्य, लोहता-मंडुवाडीह लाइन और कैंट यार्ड के फुलवरिया गेट नंबर पांच के पास का ट्रैक शिफ्टिंग का कार्य किया जा चुका है। साथ ही यार्ड में मालगाड़ी के जाने के लिए एक अलग लाइन का कार्य शुरू किया गया है। इस कार्य को 2023 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैकैंट स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर दो और तीन की चौड़ाई कम है। जिसके चलते एक साथ दोनों प्लेटफार्म पर यात्री ट्रेनों को खड़ा करने में काफी दिक्कतें आती हैं। प्लेटफार्म चार-पांच और छह-सात की लंबाई मानक के अनुरूप न होने से यहां 24 कोच वाली ट्रेनों को खड़ा करने से यात्रियों को असुविधा होती है। जिसकी वजह से प्लेटफार्म नंबर एक, आठ और नौ पर ही ज्यादातर ट्रेनों को खड़ा किया जाता है। इस वजह से पीछे आने वाली ट्रेनों को प्लेटफार्म पर जगह नहीं मिलती। अब सभी प्लेटफार्म की लंबाई 686 मीटर करने के साथ ही दो और तीन नंबर प्लेटफार्म को चौड़ा किए जाने का प्रोजेक्ट है। इसके लिए ट्रैक शिफ्टिंग का कार्य किया जा रहा है।
यार्ड रिमॉडलिंग के लिए ब्लॉक लेकर काम किया जा रहा है। जिसके पूरा होने के बाद 24 कोच की ट्रेनों को किसी भी प्लेटफार्म पर खड़ा किया जा सकेगा।

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