♥️ डॉक्टर ए०के०श्रीवास्तव, अयोध्या ब्यूरो चीफ++++
*पढ़ने से पहले...धीरे से अपनी आँखें बंद करें...रिलेक्स हो जाएं...और महसूस करें कि आपके शरीर की हर कोशिका और हर कण साहस से भरा है।*
*सब कुछ संभव है!*
नेपोलियन बोनापार्ट इतिहास के सबसे महान विजेताओं में से एक थे। वह जोखिम भरे कार्य करने से कभी नहीं डरते थे, और ऐसे कार्य करने में उन्हें आनंद आता था।
एक बार, नेपोलियन और उसकी सेना को युद्ध में अपने दुश्मनों का सामना करने के लिए एल्प्स पहाड़ों को पार करना पड़ा। सैनिकों ने सुना था कि एल्प्स से गुजरना बहुत मुश्किल है, और यहां तक कि उस मार्ग की जांच के लिए भेजे गए सैनिकों को भी यकीन नहीं हुआ कि इस पर्वत को पार किया जा सकता है। लेकिन क्योंकि वहां संभावना थी तो नेपोलियन ने इस कार्य को अंजाम देने का निर्णय लिया।
पहाड़ की तलहटी पर पहुँचकर नेपोलियन ने महसूस किया कि वास्तव में वह पहाड़ बहुत बड़ा था और उसका शिखर आकाश को छू रहा था। एल्प्स पर चढ़ना एक असंभव सा काम था, लेकिन नेपोलियन ने कभी पीछे मुड़कर देखना नहीं सीखा था और इसलिए उसने अपनी सेना को चढ़ाई शुरू करने का आदेश दिया। विशाल, ऊँचे पहाड़ को देखकर सैनिक भय से कांपने लगे, लेकिन चूंकि यह नेपोलियन का आदेश था, इसलिए उनके पास आदेश पालना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने आज्ञा का पालन किया।
नेपोलियन और उसकी सेना ने जब एल्प्स पर्वत पर चढ़ना शुरू किया तो उन्हें एक वृद्ध महिला ने रोकते हुए कहा, “नेपोलियन… इस पर्वत पर चढ़कर क्योंं मरना चाहते हो? आज तक इस पर्वत पर कई लोगो ने चढ़ने का प्रयास किया और वे सभी मारे गए। अगर तुम अपनी ज़िंदगी से प्यार करते हो तो वापस वहीं लौट जाओ, जहां से तुम आए हो।“
नेपोलियन ने उस वृद्ध महिला की बात सुनकर हतोत्साहित होने के बजाए, उसे अपने गले में पहना हुआ हीरों का हार उतार कर दे दिया और बोले, “माँ… तुमने तो मेरा और मेरे सैनिको का उत्साह दोगुना कर दिया। जिन लक्ष्यों को प्राप्त करने में आज तक कोई सफल न हो सका, उसी तरह के असम्भव लक्ष्यों को सम्भव करने की वजह से ही लोग मुझे नेपोलियन के नाम से जानते हैं। “
जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को अंजाम देने का दृढ़ संकल्प ले लेता है तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
बूढ़ी महिला को भी नेपोलियन के मुँह से ऐसे शब्द सुनने की उम्मीद नहीं थी। उसने एक क्षण रूककर सोचा और महसूस किया कि जो व्यक्ति अपनी जीत के लिए इस कदर आश्वस्त है,उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं है,इसलिए उसने मुस्कुराते हुए नेपोलियन से कहा, “नेपोलियन… तुम पहले इंसान हो, जो मेरी बात सुनकर हताेेत्साहित और निराश होने की बजाए प्रेरित हुए हो। मुझे विश्वास है, कि तुम निश्चय ही इस पर्वत पर विजय प्राप्त् करोगे।“
जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण, इच्छा शक्ति, साहस और आत्मविश्वास के साथ अपना कर्तव्य निभाते हैं तो कुछ भी असंभव नहीं है।
_____♥️_____सादर नमस्कार,
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