श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के संतों महंतों के बीच मंत्रणा के बाद अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के पार्थिव शरीर को गंगा में जल समाधि नहीं दी गई। उन्हें शिवपुर स्थित अन्नपूर्णा आश्रम परिसर में भू- समाधि दी गई। पूर्व घोषित कार्यक्रम में रातोंरात फेरबदल कर दिया गया। रात्रि में ही अखाड़ा के संत महंत उनका पार्थिव शरीर विश्वनाथ गली स्थित अन्नपूर्णा मंदिर से लेकर शिवपुर स्थित अन्नपूर्णा आश्रम आ गए थे।
सूत्रों के अनुसार गंगा निर्मलीकरण के निमित्त सार्थक संदेश देने के लिए भू-समाधि के विकल्प को स्वीकार किया गया। महंत रामेश्वरपुरी ने अपने जीवनकाल में गंगा निर्मलीकरण के लिए बहुत कार्य किए। ललिता घाट पर दैनिक गंगा आरती की शुरुआत का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।
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