सिगरा स्थित अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र (रुद्राक्ष) में मंगलवार को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की ओर से ‘पूर्वांचल में औद्योगिक विकास की संभावनाएं व आईआईए की भूमिका पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।उद्यमियों ने लंबे समय से पूर्वांचल में भारी उद्योग की स्थापना न होने पर चिंता जताई और विभागीय अड़चनों के कारण उद्योगों के संचालन में कठिनाईयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए जरूरी है कि सरकार की मंशा के अनुसार सभी विभाग कार्ययोजना बनाकर गंभीरता से कार्य करें। आईआईए की ओर से उद्यमियों ने मुख्य अतिथि विंध्याचल मंडल के आयुक्त योगेश्वर राम मिश्रा व विशिष्ट अतिथि डीएम कौशलराज शर्मा, भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुश पुरी को सम्मानित किया गया।

मुख्य वक्ता आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार अग्रवाल ने कहा कि सरकार की मंशा के अनुसार उद्योगों से संबंधित विभाग कार्य नहीं कर रहे हैं। जिससे लंबे समय तक उद्योगों की शिकायतों का समाधान नहीं हो पाता। उत्तर प्रदेश में हरियाणा की तर्ज पर औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि चयनित करने की प्रक्रिया अपनानी चाहिए। इसमें 25-25 एकड़ के छोटे औद्योगिक स्थान बनाए जाएं और उद्यमी को इनकी स्थापना पर छूट दी जाए। उन्होंने कहा कि एनओसी लेने के लिए ही विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं जिसके लिए सरकार को निजी एजेंसियों को अधिकार देना चाहिए।

आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकार का प्रयास तभी सफल होगा जब जमीनी स्तर पर विभागीय अधिकारी क्रियान्वयन करें। बिजली का कनेक्शन लेने के लिए विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होता है लेकिन यह पोर्टल काम नहीं करता। जिससे इस्टीमेट जमा करने में परेशानी होती है। निवेश मित्र पोर्टल को अपडेट करने की भी जरूरत है। क्योंकि इस पोर्टल पर 72 घंटे में स्वीकृति की योजना भी पूरी नहीं हो पा रही है। इलेक्ट्रिकसिटी ड्यूटी पर मिलने वाली छूट का लाभ पाने के लिए उद्यमियों को चक्कर लगाना होता है।

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