अयोध्या ....
बसपा रामनगरी से ब्राह्मण को साधने के साथ विधानसभा चुनाव की शुरुआत करेगी ....
बसपा का ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत रामनगरी से ही की जायेगी, इसके पीछे बसपा की सोची समझी रणनीति है। ब्राह्मण सम्मेलन कर एक तरह से बसपा विधानसभा चुनाव 2022 का आगाज की शुरुआत करेगी | लेकिन यह पहला मौका नहीं, जब कोई राजनीतिक दल रामनगरी से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेगा। इससे पहले वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यहीं से की थी। उन्होंने कैंट में सभा कर लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज किया था, जबकि अब बसपा ने भी अपने पुराने फार्मूले को धार देने के लिए रामनगरी को चुना है | अयोध्या भाजपा की ऊर्जा स्थली के तौर पर भी जानी जाती है।
अयोध्या का राजनीतिक महत्व किसी से छिपा नहीं है। अयोध्या दशकों से राजनीतिक दलों के लिए संजीवनी की तरह रही है। खासतौर पर भाजपा के लिए तो अयोध्या तीर्थ क्षेत्र की भांति है, जहाँ पर भाजपा के अधिकांश नेता रामलला और बजरंगबली का दर्शन पूजन करने के लिए रामनगरी आते जाते रहते हैं। राजनीति के जानकार व साहित्यकार दीपक मिश्र कहते हैं कि रामजन्मभूमि विवाद का फैसला आने और राममंदिर निर्माण आरंभ होने का बाद निर्विवाद रूप से रामनगरी को सभी दल शिरोधार्य कर रहे हैं। यही वजह है कि बसपा ने ब्राह्मण सम्मेलन के लिए अयोध्या को चुना है।
वहीं इस मसले पर बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन के संयोजक करुणाकर पांडेय कहते हैं कि भगवान राम ने शबरी और निषाद समाज को सम्मान दिया। भगवान राम भाईचारा, न्याय, समता और आदर्श राजा के प्रतीक हैं तो हनुमान जी शक्ति और भक्ति के। इसीलिए यूपी में व्याप्त अन्याय, अत्याचार और विशेषकर ब्राह्मण समाज पर हो रहे अन्याय के खिलाफ बिगुल फूंकने की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के सेनापति व बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र रामनगरी से करेंगे।----+++संतोष कुमार श्रीवास्तव, अयोध्या विधानसभा रिपोर्टर++
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