मिर्जापुर। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सिंचाई विभाग के अधिकारियों संग बैठक कर बाण सागर परियोजना में हुए कार्यो की समीक्षा किया। इस दौरान कार्यों के अधूरे रहने पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने सिंचाई विभाग को बाण परियोजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए 31 जुलाई का समय निर्धारित किया। बोले एक अगस्त तक कार्यों को किसी दशा में पूरा कर पानी छोड़ा जाए। ताकि किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सकें।
डीएम ने कहा कि कार्य पूरा करने के लिए जरगो डैम, मेजा डैम, सिरसी डैम के साथ अदवा डैम के साथ सभी बाधों का भ्रमण कर निरीक्षण कर लें। इस दौरान जिस डैम या बंधे में लीकेज हो उसकी मरम्मत कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने पूर्ण हो चुके डैमों की सूची जन प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने के साथ वहां पौधरोपण कराने और सुरक्षा की दृष्टि से वहां सीसी टीवी लगवाने का निर्देश दिया। इसके अलावा नहरों के टूटे पुलों की मरम्मत कराने पर भी बल दिया। इसके अलावा सिंचाई से संबंधित मिलने वाली शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने को कहा। बैठक में सीडीओ समेत बाण सागर एवं सिंचाई विभाग से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद रहे। बताते चले सोन नदी पर मध्य प्रदेश के सहडौल में बाण सागर बांध बनाकर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में अवस्थित जलाशयों को अतिरिक्त पानी एक अक्तूबर से 28 मई के बीच उपलब्ध कराकर इन जलाशयों से नहर प्रणालियों के माध्यम से मिर्जापुर में 75,309 हेक्टेयर, प्रयागराज में 74,823 हेक्टेयर कुल 1,50,132 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संचयन क्षमता का सृजन किया जाता है।
डीएम ने कहा कि कार्य पूरा करने के लिए जरगो डैम, मेजा डैम, सिरसी डैम के साथ अदवा डैम के साथ सभी बाधों का भ्रमण कर निरीक्षण कर लें। इस दौरान जिस डैम या बंधे में लीकेज हो उसकी मरम्मत कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने पूर्ण हो चुके डैमों की सूची जन प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने के साथ वहां पौधरोपण कराने और सुरक्षा की दृष्टि से वहां सीसी टीवी लगवाने का निर्देश दिया। इसके अलावा नहरों के टूटे पुलों की मरम्मत कराने पर भी बल दिया। इसके अलावा सिंचाई से संबंधित मिलने वाली शिकायतों का तत्काल निस्तारण करने को कहा। बैठक में सीडीओ समेत बाण सागर एवं सिंचाई विभाग से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद रहे। बताते चले सोन नदी पर मध्य प्रदेश के सहडौल में बाण सागर बांध बनाकर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में अवस्थित जलाशयों को अतिरिक्त पानी एक अक्तूबर से 28 मई के बीच उपलब्ध कराकर इन जलाशयों से नहर प्रणालियों के माध्यम से मिर्जापुर में 75,309 हेक्टेयर, प्रयागराज में 74,823 हेक्टेयर कुल 1,50,132 हेक्टेयर क्षेत्र में जल संचयन क्षमता का सृजन किया जाता है।
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