प्राइमरी की पचास हजार किताबों की पहली खेप पहुंची
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अम्बेडकरनगर। परिषदीय शिक्षा धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है। बच्चों को एमडीएम के एवज में नगद भुगतान किया जा रहा है। विद्यालय करीब चार माह बाद खुल गए है। शिक्षक उपस्थित होने लगे हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। बंद स्कूलों के चलते मोहल्ला पढ़ाई शुरू करने की तैयारी हो रही है। साथ ही बच्चों के हाथों में किताबें पहुंचाने की कवायद हो रही है। इसी के तहत जिले में मंगलवार को पचास हजार किताबों की पहली खेप पहुंच गई।
प्राइमरी स्कूलों में 2.15 लाख किताबों की मांग के अनुपात में करीब 50 हजार किताबें मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंच गईं। जनपद में लगभग 215000 पुस्तकें कक्षा एक से आठ तक के अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए चाहिए। इसमें कुल 130 प्रकार की पुस्तकें शामिल हैं। विगत वर्षों में चलने वाली हिन्दी, अंग्रेजी तथा गणित की पुस्तकों के नाम बदल दिये गए हैं। जैसे कक्षा एक से पांच की कलरव के स्थान पर किसलय, पंखुडी, फुलवारी, वाटिका तथा कक्षा छह से आठ तक की मंजरी के स्थान पर अक्षरा, दीक्षा, प्रज्ञा हो गई है। इसी तरह संस्कृत, गृह शिल्प के पुस्तकों के भी नाम भी परिवर्तित हो गए हैं। प्रभारी डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि जनपद में लगभग 15% पाठ्य पुस्तकों की आपूर्ति हो गयी है। जल्द ही पुस्तकें खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और वहां से बच्चों में वितरण के लिए स्कूलों में भेज दी जाएंगी।
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