उतरौला (बलरामपुर) 
नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण ब्लॉक सभागार में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में ग्राम सभाओं के विकास की रूपरेखा वर्चुअल संवाद के जरिए बताई गई। ग्राम प्रधानों को अपनी ग्राम सभा में आय का स्वयं स्रोत तलाशने पर जोर देते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि गांव में पशु कर, मनोरंजन कर, बारातघर, हाट बाजारों पर कर लगाने समेत आय के अन्य साधनों की तलाश करने की जरूरत है।
 इस आय को गांव के विकास कार्यों में ही व्यय किया जाएगा। ग्राम सभा की स्वयं आय होने के बाद वित्त आयोग से अनुदान मिलने में आसानी होगी। सभी ग्राम प्रधान दो अक्तूबर को अपने ग्रामसभा में बैठक कर गांव के विकास की रूपरेखा तय करेंगे। इस बैठक में बजट वाले प्रस्तावों के अतिरिक्त बिना बजट वाले व दो लाख रुपयों की बजट वाली योजनाओं को आम सहमति से तैयार करना है। ग्राम सभाओं में जन जागरण, स्वच्छ भारत अभियान, स्वजलधारा योजना, जलनिकासी, सड़क, स्वच्छ शौचालयों का निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य या सामाजिक सद्भाव बढ़ाने वाली गतिविधियों के बेहतर संचालन पर पांच लाख रुपयों से 15 लाख तक पुरस्कार दिए जाने की व्यवस्था केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से है।
 ग्राम प्रधान इन पुरस्कारों को लेने के लिए अभी से प्रयास करें। इस मौके पर प्रधान भुर्रे खां, सिराजुद्दीन उर्फ कल्लू, बहलोल नियाजी, अमरनाथ वर्मा, जसवंत वर्मा, ज्ञानेंद्र प्रसाद, सुधीर यादव, समेत दर्जनों ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
असगर अली
उतरौला

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