बदहाली से सीएचसी पीएचसी जाने को मजबूर माताए व बच्चे
गिरजा शंकर गुप्ता (ब्यूरों)
अम्बेडकरनगर। आबादी की महिलाओं और बच्चों को सुलभ संस्थागत प्रसव के साथ जानलेवा बीमारियों से बचाने का टीका लगाने के लिए तकरीबन प्रत्येक न्याय पंचायत में एएनएम सेंटर अथवा स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं। सालों पहले स्थापना का असल उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और हर हाल में प्रसूताओं और बच्चों को बीमारियों से बचाव का टीका लगाना है।
उपकेंद्रों पर एएनएम की तैनाती की गई है और उनके लिए रात्रि निवास की व्यवस्था भी की गई। फिलहाल शासन की मंशा पर कुठाराघात हो गया है। अब न तो एएनएम उप केंद्रों पर प्रवास करती हैं और न ही नियमित प्रसव ही होता है। इससे प्रसव के लिए प्रसूताओं को पीएचसी-सीएचसी जाना पड़ता है। हालांकि टीकाकरण दिवस पर उपस्थित होकर माताओं और बच्चों को टीके अवश्य लगाती हैं।
जनपद में कुल 272 एएनएम सेंटर बने हैं। इसमें ब्लॉक अकबरपुर में 45, बसखारी में 26, भीटी में 22, भियांव में 25, रामनगर में 30, कटेहरी में 24, जलालपुर में 38, टांडा में 34, जहांगीरगंज में 28 एएनएम सेंटर हैं। कई का एनटीपीसी ने भी निर्माण कराया है। लाखों रूपए की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्र में नियुक्त एएनएम के रात्रि निवास न करने से रात में आने वाले मरीजों के लिए यह निष्प्रयोज्य साबित हो रहा है। ग्रामीण महिलाओं को त्वरित स्वास्थ्य लाभ देने व समय से प्रसूताओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्थापित एएनएम सेंटर सफेद हाथी साबित हो रहा है।
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