लोक दल ने बनाया लोकतंत्र बचाओ मोर्चा

देश के 28 राज्यो और 8 केन्द्र शाशित प्रदेशो मे राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय,मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त 2698 राजनैतिक दलों को भेजा आमंत्रण पत्र

लखनऊ। लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ सुनील सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम पान्डेय ने शुक्रवार को 8 माल एवेन्यू स्थित केंद्रीय कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता मे लोकतंत्र बचाओ मोर्चा बनाने की घोषणा की। इस बाबत उन्होने देश के सभी राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, और सभी मान्यता प्राप्त/गैर मान्यता प्राप्त दलों सहित देश/प्रदेशो मे कार्यरत राष्ट्रीय और प्रांतीय संगठनो को आमंत्रण पत्र भेज कर लोकतंत्र बचाओ मोर्चा मे अपनी सहभागिता प्रदान करने और अपने सुझाव प्रस्तुत करने के लिये अगस्त क्रांति दिवस के दिन 9 अगस्त शुक्रवार को 8 माल एवेन्यू लखनऊ मे आने का आह्वाहन किया है।
    उन्होने उपास्थित पत्रकारो से कहा कि आज़ादी के 70 दशक बीतने के बाद अब आम नागरिको ऐसा क्यों लगने लगा है कि लोकतंत्र बचेगा या नहीं। देश और प्रदेशो मे जो माहौल बनाया जा रहा है उससे आम नागरिको की उम्मीदें ध्वस्त होती जा रही है। 
    देश और प्रदेशो के सत्ताधारी राजनीतिक दलो की कार्य प्रणाली से अब ऐसा लगने लगा है कि हमारे स्वक्ष,स्वस्थ, लोकतंत्र की आत्मा को ख़त्म किया जा रहा है। हम क्रोध और बदले वाली क्षुद्र  मनशीकता के तौर पर निर्मित होते जा रहे हैं। 
    उन्होने कहा कि लोकतंत्र आजादी के उत्सव का नाम है। लेकिन लोकतंत्र में हम क्या खोते जा रहे हैं। वर्तमान मे राष्ट्रीयता का इस्तेमाल लोगों को बांटने में किया जा रहा है। सरकारे अपने हिसाब से स्वार्थ के लिये सत्य के साथ छेड़छाड़ करती है। हर सरकार अपने हिसाब से माहौल बनाना चाहती है जो लोक तंत्र के लिये शुभ नही है। नागरिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर मौजूदा सरकार विपक्षी पार्टियों को भी साथ लेकर चलना नहीं चाहती। लोकतंत्र में बोलना अब ख़तरनाक तथा देश द्रोह बन गया है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप मे देश की आम जनता की आवाज बन कर गाव से सहर तक  विभिन्न मुद्दो पर लड़ने वाला प्रेस गुलामी की जंजीरो से जकड़ा हुआ दिख रहा है।
   आधुनिक भारत में धर्म,जाति की आड़ मे भारतीयता की आत्मा को छलनी किया जा रहा है। अगर यही संस्कृति जारी रही तो आप अपनी आज़ादी, सच्चाई, अपने धर्म,संस्कृति और यहां तक अपने देश को वापस नहीं लौटा पाएंगे, यही 2022 के चुनाव की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
                     


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