काशीवासियों को लगातार दूसरे साल सावन के पहले ही दिन से बाबा विश्वनाथ के दर्शन हो गए। कोरोना काल के पहले तक कांवरियों और तीर्थयात्रियों की अपार भीड़ के कारण काशीवासी शहर के अन्य शिवालयों में दर्शन पूजन से सावन की शुरुआत करते थे।रविवार को बाबा की मंगला आरती में दो सौ से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। मंगला के बाद बांसफाटक की ओर से ही दर्शनार्थियों को मंदिर में जाने दिया जा रहा था। इसके चलते ढुंढिराज गणेश से लेकर कोतवालपुरा और बांसफाटक तक दर्शनार्थियों की लंबी कतार दिखी। दोपहर दो से शाम पांच बजे तक मंदिर परिसर लगभग खाली रहा। शयन आरती तक एक बार फिर भक्तों की भीड़ बढ़ी। भक्तों को बाबा की झांकी का दर्शन मिला। जल चढ़ाने के लिए गर्भगृह के तीन द्वारों पर कलश रखे गए थे।


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