बृहस्पतिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। बीएचयू आईआईटी के एडीवी ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करोड़ों रुपयों की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। जनसभा को संबोधित करते हुए हुए प्रधानमंत्री ने बनारसियों का दिल जीत लिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की। उन्होंने भारत माता की जय और हर हर महादेव बोलते हुए अपनी बात शुरू की। कहा कि लंबे समय बाद आप सब लोगन से सीधी मुलाकात का अवसर मिलल हो। काशी के सभी लोगन के प्रणाम। हम समस्त लोग के दुख हरे वाले भोलेनाथ, माता अन्नपूर्णा के चरण में भी शीश झुकावत हीमोदी ने कहा कि बीमारियों से जूझने के दौरान सौ साल में पूरी दुनिया में आई सबसे बड़ी आफत है। इसलिए कोरोना से निपटने में यूपी के प्रयास उल्लेखनीय है। काशी के साथियों और शासन प्रशासन संग कोरोना योद्धाओं की टीम का आभारी हूं। कभी आधी रात को फोन किया तो लोग मोर्चे पर तैनात मिले। आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि यूपी में हालत संभले हैं। यूपी में सबसे अधिक टेस्टिंग हो रही है। यूपी पूरे देश में सबसे अधिक वैक्सीनेशन का राज्य है। सबको मुफ्त वैक्सीन मिल रही है। गरीब किसान नौजवान को फ्री वैक्सीन लगाई जा रही है। मेडकिल कॉलेज चार गुना हो चुका है। संसाधनों में तेजी से इजाफा हो रहा है। बनारस में ही 14 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण हुआ है। बच्चों के लिए विशेष ऑक्सीजन और आइसी विकसित करने का बीड़ा यूपी सरकार ने उठाया है। कोरोना की स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष पैकेज घोषित किया है।
- सीसीटीवी सर्विलांस, स्क्रीन और इस पर प्रसारण पूरे शहर में संभव हो पाएगा। शहर में कहीं से भी गंगा आरती को लाइव देखा जा सकेगा। रो-रो सेवा और क्रूज बोट का संचालन होने से पर्यटन में इजाफा होगा और नाविक साथियों को लाभ मिलेगा। डीजल से नावें सीएनजी में हो रही हैं। पर्यावरण और पर्यटन में लाभ होगा खर्च भी कम होगा। आधुनिक शिक्षा केंद्र युवाओं के लिए काशी की भूमिका को और मजबूत करेंगे।नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में यूपी और सीएम योगी की तारीफों के पुल बांध दिये। उन्होंने अपने भाषण में 20 से ज्यादा भी ज्यादा बार सीएम योगी का नाम लेकर उनकी मेहनत की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि यहां जो कुछ हो रहा है योगी जी की मेहनत का कमाल है। कहा कि ऐसा नहीं है कि 2017 से पहले यूपी के लिए योजनाएं नहीं आती थीं। 2014 में सेवा करने का मौका मिला तब भी दिल्ली से प्रयास होते थे, तब लखनऊ से रोड़ा लग जाता था।
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