मैहर देवी से अपने पांच साल के बेटे का मुंडन कराकर लौट रहे परिवार के साथ शुक्रवार की सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। जिस बेटे का मुंडन कराकर परिवार हंसी खुशी लौट रहा था, उस मासूम की चलती ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। बेटे के गिरने के काफी देर बाद परिवार वालों को घटना की जानकारी हो सकी। कुछ घंटे पहले जिस बेटे के साथ परिवार वाले भविष्य के सपने सजों रहे थे उसकी लाश देख कोहराम मच गया। हादसा वाराणसी में काशी स्टेशन के ठीक पहले गंगा पुल के पास हुआ। 

गाजीपुर के ग्राम बयपुर देवकली निवासी प्रभाकर राम अपनी पत्नी अनिता के साथ 5 वर्षीय बेटे सर्वानन्द का मुंडन कराने मध्य प्रदेश के मैहर देवी मंदिर गए थे। गुरुवार सुबह दंपति ने बच्चे के साथ मंदिर में दर्शन पूजन किया और विधि विधान से बेटे का मुंडन कराया। वापसी के लिए मैहर से वाराणसी स्पेशल ट्रेन में पहले से स्लीपर में रिजर्वेशन था। सभी हंसी खुशी शाम छह बजे ट्रेन में बैठकर मैहर से वाराणसी के लिए निकले। ट्रेन को भोर में करीब साढ़े तीन बजे वाराणसी पहुंचना था। इसी काशी स्टेशन से पहले ट्रेन राजघाट स्थित गंगा पुल पर पहुंचने वाली थी और बच्चे की नींद खुल गई। 

ट्रेन की खिड़की से वाराणसी के रोशनी से नहाए गंगा घाटों ने बच्चे को आकर्षिक किया और वह सीट से उठकर दरवाजे तक पहुंच गया। इससे पहले कि मां-बाप या किसी की नजह पड़ती बच्चा चलती ट्रेन से नीचे गिर गया। पुल से गुजर रही ट्रेन से करीब 200 फिट नीचे गिरने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। शौच को निकले ग्रामीणों की नजर मृत बच्चे पर पड़ी तो सूचना सूजाबाद पुलिस चौकी इंचार्ज आशीष मिश्रा को दी गई। 

 उधर ट्रेन के काशी स्टेशन पहुंचने पर परिजनों की नींट खुली तो बेटे की तलाश शुरू कर दी। ट्रेन में उसे खोजने के बाद काशी स्टेशन पर बेटे की गुमशुदगी दर्ज ही करायी। इसी बीच पुल के उस पार बच्चे का शव मिलने की सूचना मिली। कलेजे पर पत्थर रख जब पति पत्नी ने बच्चे को देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। पति-पत्नी की चीख पुकार सुन कोहराम मच गया।

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