उतरौला(बलरामपुर)

विकासखंड गैड़ास बुजुर्ग अंतर्गत ग्राम पंचायत बांक भवानीपुर निवासी अनंत बहादुर सिंह ने मुख्यमंत्री जिला अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी व जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र भेजकर सरकारी धन के गबन पर अंकुश लगाने, पांचवा राज्य वित्त राज्य आयोग के धन का दुरुपयोग रोकने तथा पंचायत सचिव प्रीतम श्रीवास्तव के विरुद्ध उच्च अधिकारियों द्वारा जांच करा कर कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
आरोप है कि पंचायत सचिव द्वारा कोरोना काल के दौरान महामारी से बचाव हेतु सैनिटाइजर, मास्क, कोरोना घोल के छिड़काव आदि के लिए पांचवा राज्य वित्त आयोग से पचहत्तर हज़ार दस रुपए निकाला गया। नाम मात्र छिड़काव कर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया। ग्राम सभा के विकास कार्यों के निविदा के नाम पर नौ हज़ार आठ सौ निन्यानबे रुपए का भुगतान किया गया। जबकि किसी समाचारपत्र में इतने अधिक मूल्य की निविदा प्रकाशन का दर नहीं है।
इसी प्रकार विकास के नाम पर एक लाख साठ हजार और हैंडपंप रिबोर व मरम्मत के नाम पर उन्तीस हजार कप्तान कर लिया गया जबकि ना कोई विकास कार्य कराया गया और ना ही हैंडपंप की मरम्मत कराई गई।
शिकायतकर्ता का कहना है कि पंचायत सचिव काफी दबंग भ्रष्ट जालसाजी प्रवृत्ति का व्यक्ति है। शिकायतकर्ता को एससी एक्ट में फसाकर फर्जी मुकदमा लिखाने की धमकी दे रहा है।
पत्राचार जांच में पंचायत सचिव द्वारा फर्जी कूट रचित आख्या प्रेषित कर विभाग को गुमराह किया जा रहा है।
सचिव द्वारा विकास के नाम पर किए गए सरकारी धन का बंदरबांट एवं कागजी विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण उच्च अधिकारियों द्वारा कराया जाना नितांत आवश्यक है।
पंचायत सचिव प्रीतम श्रीवास्तव ने कहा कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं।



उतरौला से असगर अली की रिपोर्ट।

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