*आर्थिक सहायता को लेकर 8माह से किसान परिवार भटक रहा दर दर*
*मधुमक्खी के काटने से हुई थी किसान की मौत*
*शासन द्वारा मधुमक्खी को जहरीला जीव नही मानना एक नितिगत त्रुटि*
कुक्षी- लाखो लोगो की भुख को शांत करने वाला अन्नदाता परिवार अपने किसान पुत्र की प्राकृतिक आपदा से मौत पर आर्थिक सहायता को लेकर दर दर को भट रहा लेकिन शासन के नुमाईंदे इसे प्राकृतिक आपदा नही मान रहे आज से 8 माह पूर्व ग्राम तलवाडा के नौजवान किसान सुशील पिता सीताराम पटेल जो अपने खेत पर काम पर गये थे जहॉ उनकी मधुमक्खीयो के काटने से मौत हो गई जो उनके बुढे मॉ बाप की एकलौते पुत्र थे युवा किसान की पत्नी व पुत्र द्वारा अनुविभागीय कार्यालय मे आर्थिक सहायता के लिये आवेदन दिया गया किंतु राजपरिपत्र मे मधुमक्खी को जहरीला जीव नही मान आवेदन खारिज कर दिया वर्तमान के आईएस एसडीएम विवेक कुमार ने कृषि विभाग द्वारा किसानो को आर्थिक सहायता दि जाती है कहकर पुन: आवेदन कृषि विभाग की और भेज दिया किंतु कृषि विभाग द्वारा वापस आवेदन राजस्व कार्यालय भेज दिया बात यह कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह द्वारा किसानो को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नही आने की बात करते वही किसान परिवार आर्थिक सहायता के लिए भटक रहा यह एक परिवार ही नही प्रदेश मे कई ऐसे परिवार है जो मधुमक्खी से मौत होने पर आर्थिक सहायता को लेकर भटक रहे है यह बात समझ से परे है कि बडी बडी किताबे पढे लिखे लोग एसी मे बंद कमरे मे बैठ निति का निरधारण कर लेते है उन्हे शायद नैतिक बातो से कोई सरोकार नही होता है एक गॉव का अनपढ सामान्य व्यक्ति भी मधुमक्खी को जहरीला मानता है लेकिन ये शासन प्रशासन मे बैठे पढे लिखे लोग मधुमक्खी को जहरीला जीव नही मानते है शासन मे बैठे लोग इस प्रकार कि विसंगतियों दुरकर जनता की समस्याओं का निराकरण करे|
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